मिरर मीडिया : सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले वैसे छात्र जो केंद्र या राज्य सरकार द्वारा जारी विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाते हैं उन बच्चों को सरकार के तरफ से दी जाने वाली राशि बच्चों के नाम पर खोले गए बैंक खातों में दिया जाता है। जाहिर है कि ऐसे बच्चें गरीब परिवार से आते होंगे जो स्वतः बैंक खाता को बैंक के नियम के अनुसार नहीं चला पाते हैं। वहीं सरकार द्वारा शत प्रतिशत राशि को सम्बंधित बच्चों तक पहुंचाने का जिम्मा भी सरकार की होती है पर कहीं ना कहीं बीच में प्रवाह अवरुद्ध हो जाने से इसका पूर्ण लाभ बच्चों तक नहीं मिल पाता है।

आपको बता दें कि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के खाते से भी मिनिमम बैलेंस के नाम पर उनके हक के पैसे काटे जा रहे हैं। जिन बच्चों को कुकिंग कास्ट की राशि दी गई है। उनके खाते से भी मिनिमम बैलेंस के नाम पर राशि काट ली गई। प्रारंभिक स्कूलों के बच्चों को कुकिंग कास्ट की राशि दी जा रही है। लिहाजा छात्रों के बैंक खाते से संबंधित बैंक के द्वारा मिनिमम बैलेंस के नाम पर राशि काटी जाती है तो इस याेजना का लाभ शत-प्रतिशत छात्रों को नहीं मिल पाएगा।

इस संबंध में मध्याह्न भोजन प्राधिकरण निदेशक किरण कुमारी पासी ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि संबंधित बैंंक से सूचना प्राप्त कर ले कि बैंक द्वारा कुकिंग कास्ट की राशि की कटौती की जा रही है या नहीं। यदि राशि की कटौती की जा रही है उसकी सूचना उपायुक्त को देते हुए कटौती की गई राशि छात्र-छात्राओं के खाते में वापस कराने हेतु कार्रवाई की जाए और इसकी सूचना प्राधिकरण को भेजी जाए।