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आनंद मेला में मशगूल थे BCCL के अधिकारी, इधर बीसीसीएल के लुटे गए कोयले की धर पकड़ में सड़कों पर थी जिला प्रशासन

मिरर मीडिया : जिले में अवैध खनिज संपदा के खनन, भंडारण एवं तस्करी को लेकर जिला प्रशासन ने जिस तरह से विगत कुछ दिनों में करीब 70 अवैध कोयला लदे वाहनों को पकड़ा है इससे ऐसा प्रतीत होता है कि BCCL को इसकी चिंता ही नहीं है। बीसीसीएल के खदानों से लगातार कोयले की लूट मची है लेकिन अब तक बीसीसीएल के अधिकारी द्वारा किसी भी कोयला तस्कर पर नामज़द प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। जबकि BCCL की जिम्मेवारी बनती है कि वें अपने क्षेत्र से होने वाले अवैध कोयले की तस्करी, खनन और भंडारण पर लगाम लगाते हुए उसे पकड़े पर लगता है कि BCCL और उनके अधिकारी इसमें अक्षम है। लिहाजा इनके द्वारा किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं किये जाने से यह सवाल तो लाजमी है कि क्या इसमें BCCL के अधिकारी की मिलीभगत तो नहीं है?

इधर लगातार जिला प्रशासन सड़कों पर रात भर रेड मारती रही और नतीजा भी सामने है कि करीब 70 वाहन को जब्त किये गए और सम्बंधित चालक उपचालक, मालिक सहित अन्य पर प्राथमिकी भी दर्ज की गई। बता दें कि जिला खनन टास्क फोर्स की बैठक में उपायुक्त ने BCCL को अपने इलाके में लगातार मॉनिटरिंग करने हॉटस्पॉट इलाकों को चिन्हित और नामजद प्राथमिकी दर्ज करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं बावजूद इसके कोयले की हो रही चोरी पर अंकुश लगाने में बीसीसीएल अक्षम साबित हो रही है नतीजा विगत 3 दिनों में जिला प्रशासन द्वारा की गई बड़ी कार्रवाई ने बीसीसीएल प्रबंधन पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

जिस प्रकार अवैध कोयला लदे बड़े पैमाने पर ट्रकों को जिला प्रशासन ने पकड़ा है इससे यह साबित हो रहा है कि सभी कोयला BCCL के खदानों से चोरी होकर आ रहे थे तो इस पर BCCL द्वारा अंकुश क्यों नहीं लगाया गया, तीन दिन पूर्व बीसीसीएल के अधिकारियों द्वारा कितनी प्राथमिकी दर्ज की गई, सीआईएसएफ की टीम क्या कर रही थी? जबकि भारत सरकार की खनिज संपदा की सुरक्षा के जिम्मेवारी बीसीसीएल और सीआईएसएफ को है लेकिन बीसीसीएल के अधिकारी आनंद मेला में मशगूल थे और इधर जिला प्रशासन की टीम बीसीसीएल के हुए कोयला चोरी की धर पकड़ में सड़कों पर उतर रेड कर रही थी।

जबकि इधर बलियापुर अंचल अधिकारी द्वारा रैयत जमीन पर जबरन ओ.बी. डंप करने को लेकर आउटसोर्सिंग कंपनी एवं BCCL पर प्राथमिकी दर्ज कराई है। अब सवाल यह उठता है कि बीसीसीएल प्रबंधन ने किसी भी कोयला तस्कर पर अबतक नामज़द प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की? जबकि जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन द्वारा अब तक कईयो के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है विशेष शाखा ने भी करीब 50 कोयला तस्करों के नाम उजागर किए थे बावजूद बीसीसीएल प्रबंधन चुप्पी क्यों साधें हुए हैं। ये खनन टास्क फोर्स की बैठक को भी गंभीरता से नहीं लेते हैं। इसलिए
सवाल तो यहाँ भी उठता है कि
👉🏻कहीं कोयला चोरी में बीसीसीएल की भी तो सहभागिता नहीं?
👉🏻आखिर इतनी चोरियां के बावजूद भी प्रबंध मौन क्यों है?

गौरतलब है कि जिस प्रकार विगत दो-तीन दिनों में जिला प्रशासन की कार्यवाही ने BCCL प्रबंधन को कटघरे में ला खड़ा किया है। उससे बीसीसीएल की खदानों से लगातार हो रही कोयले की लूट, प्रबंधन की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल रही है।  जिला प्रशासन की टीम ने बड़े पैमाने पर अवैध कोयले से लदे ट्रकों को पकड़ा है वह बीसीसीएल की बड़ी चूक को उजागर कर रहा है। लिहाजा प्रबंधन के सभी दावे कोयला चोरों के आगे फेल हो रहे है। वहीं अबतक किसी भी प्रकार की कार्रवाई का ना किया जाना ना ही अधिकारीयों की चुप्पी टूटना इससे बीसीसीएल प्रबंधन की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। यानी जिला प्रशासन की टीम सड़कों पर रेड मारकर अवैध कोयले से लदे ट्रकों को पकड़ रही थी तो दूसरी और बीसीसीएल के तमाम अधिकारी आनंद मेले का लुफ्त उठा रहे थे।[su_image_carousel source=”media: 52998″ limit=”22″ crop=”none”]

इधर सत्ता दल ने भी BCCL पर ऊँगली उठा दी है। कांग्रेस नेता सह बीस सूत्री उपाध्यक्ष बृजेंद्र सिंह ने जिला प्रशासन के इस कार्रवाई की तारीफ की तो दूसरी और बीसीसीएल प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए सिंह ने कहा कि कोयले के खदानों के सुरक्षा की जिम्मेदारी पूरी तरह बीसीसीएल प्रबंधन की है प्रबंधन की लापरवाही से कोयले के रूप में भारी मात्रा में राजस्व की चोरी हो रही है।
उन्होंने कहा है कि कोयला चोरों के द्वारा अकेले नहीं बल्कि कोल इंडिया के प्रबंधक और सीआईएसएफ के मिली भगत से ही कोयले की धड़ले से चोरी हो रही है लेकिन उसको उजागर करने वाला कोई नहीं है कुछ गरीब ड्राइवर खलासी जेल जरूर जाते हैं लेकिन मुख्य अभियुक्त कभी भी पकड़ में नहीं आते हैं। उन्होंने जिला के उपायुक्त और वरीय पुलिस अधीक्षक से मांग कि है कि यह सरकारी संपत्ति की लूट हो रही है प्रबंधन पर भी डैमेज आफ प्रॉपर्टी एक्ट और भारतीय दंड संहिता के अन्य धाराओं में सभी पर मुकदमा चला कर सरकारी संपत्ति को बचाने में अपना अहम योगदान दे सकते है।

बहरहाल जिस प्रकार से BCCL की कार्यशैली और कार्रवाई गौण है और जिला प्रसाशन की कार्रवाई जारी है इससे यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि कई BCCL अधिकारी इसकी जद में आ सकते हैं।

Uday Kumar Pandey
Uday Kumar Pandeyhttps://mirrormedia.co.in
मैं उदय कुमार पाण्डेय, मिरर मीडिया के न्यूज डेस्क पर कार्यरत हूँ।

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