डिजिटल डेस्क। जमशेदपुर : बंगाली समुदाय के नववर्ष का प्रतीक पोइला बैशाख कल यानी मंगलवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि बंगाल में वैशाख महीना बहुत शुभ माना जाता है और इसे हर्ष उल्लास के साथ मानते है। बंगाल में जगह-जगह इस दिन मेले का आयोजन किया जाता है। अनेक प्रकार के शुभ काम कोई नया घर लेना, विवाह, मुंडन, इसी दिन करना अच्छा माना जाता है। पोईला बैसाख वाले दिन सभी बंगाली भाई-बंधु अपने-अपने घरों की साफ-सफाई करते है। सुबह जल्दी उठ जाते है और सूर्य देवता को प्रणाम करते है। साफ पानी से स्नान कर, नए कपड़े पहनते है, अपने घरों और मंदिरों को चाव से सजाते हैं। फिर जोरों शोरों से पूजा-आराधना की जाती है और विभिन्न तरह के पकवान बनाए जाते है। गौ माता की विधि-विधान से पूजा की जाती है।
बांग्ला पंचांग के अनुसार मंगलवार से बंगाब्ध 1421 की शुरुआत होगी। झारखंड बंगाली समिति की ओर से समाज के लोग नया वस्त्र धारण कर गाजा-बाजा के साथ प्रभातफेरी करते हुए बड़ा बांध तालाब पहुंचेंगे। यहां मंगल दीप जलाकर जल को अर्पित करेंगे। सूर्य से सबके लिए सुख, शांति व समृद्धि की कामना करेंगे। इसके बाद महापुरुषों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया जाएगा। इसके बाद धर्म स्थान मंदिर जाकर पूजा-अर्चना करेंगे और फिर बड़ों का आशीर्वाद लेकर पोइला वैशाख की शुरुआत करेंगे। झारखंड बंगाली समिति की ओर से मंगलवार की शाम सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा।
बाराद्वारी निवासी झरना महतो ने बताइस कि पोइला वैशाख यानि नववर्ष के स्वागत के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इस पवित्र दिन की शुरुआत सुबह सत्यनारायण की पूजा से होगी। इसके बाद बंगाली संस्कृति की प्रसिद्ध व्यंजन लुची, आलू दम और खीर और दोपहर में चावल, मछली, पारंपरिक सब्जियां और कई तरह की मिष्ठी परोसने के लिए खास होगी। शाम को नए वस्त्र पहनकर, दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलकर उन्हें बधाई देंगे।