Bihar: बिहार चुनाव में हार की समीक्षा बैठक से 15 जिला अध्यक्ष गायब, शो कॉज नोटिस जारी

Neelam
By Neelam
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बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। बुरी तरह हारने के बाद कांग्रेस ने सोमवार को सदाकत आश्रम में समीक्षा बैठक बुलाई थी। हालांकि, चौंकाने वाली बात यह रही कि 15 जिलाध्यक्ष बैठक में पहुंचे ही नहीं। अब कांग्रेस ने समीक्षा बैठक में शामिल न होने वाले 15 जिला अध्यक्षों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कांग्रेस कार्यालय सचिव नलिन कुमार द्वारा जारी पत्र में उनसे यह स्पष्ट करने को कहा गया है कि वे बैठक में क्यों शामिल नहीं हुए।

प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरु भी रहे मौजूद

बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस राज्य में अपने कमजोर प्रदर्शन के लिए समीक्षा में जुटी है। इसी क्रम में 1 दिसंबर को पटना में कांग्रेस ने समीक्षा बैठक की। सत्र की अध्यक्षता बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने की। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरु और वरिष्ठ नेता शकील अहमद खान भी उपस्थित थे। हालांकि, इस बैठक में पटना ग्रामीण-1, पटना ग्रामीण-2 सहित 15 जिलाध्यक्ष शामिल नहीं हुए।

सूचना के बावजूद 15 जिला अध्यक्ष अनुपस्थित रहे

कांग्रेस की यह बैठक हाल ही में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पार्टी की हार के कारणों का आकलन करने के लिए बुलाई गई थी। राज्य भर के जिला अध्यक्षों को फीडबैक देने और संगठनात्मक कमियों पर चर्चा करने के लिए बुलाया गया था, जिसके कारण चुनावी हार हुई। हालांकि, पूर्व सूचना के बावजूद 15 जिला अध्यक्ष अनुपस्थित रहे।

इन 15 जिलाध्यक्षों को जारी किया गया है नोटिस

पश्चिमी चंपारण के प्रमोद सिंह पटेल, पूर्वी चंपारण के ई. शशिभूषण राय, अररिया के शाद अहमद, मधुबनी के सुबोध मंडल, कटिहार के सुनील यादव, पटना ग्रामीण-2 के गुरुजीत सिंह, पटना ग्रामीण-1 के उदय चंद्रवंशी, सुपौल के राज नारायण गुप्ता, भागलपुर के परवेज आलम, जमुई के अनिल कुमार सिंह, बक्सर के मनोज पांडेय, गयाजी के उदय मांझी, लखीसराय के अरविंद कुमार, मुंगेर के इनामुल हक और शेखपुरा के रौशन कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है

पहले भी 43 पार्टी नेताओं जारी किया गया था नोटिस

इससे पहले 18 नवंबर को, बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए नेताओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी और पार्टी लाइन से भटकने, पार्टी विरोधी बयान देने के लिए 43 पार्टी नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किए थे, जिससे पार्टी की संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था। 61 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली पार्टी केवल 6 सीटें ही जीत पाई थी। 2020 में, कांग्रेस ने 19 सीटें जीती थीं।

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