बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का अंदरूनी विवाद एक बार फिर खुलकर सामने आया है। बिहार कांग्रेस की तेज-तर्रार और मुखर प्रवक्ता निधि पांडे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। निधि पांडे ने इस्तीफा देते हुए पार्टी के कुछ बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

निधि पांडे ने मंगलवार को बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता पद से अपना इस्तीफा दे दिया। उन्होंने एक बयान जारी कर बताया कि उन्हें लगातार महिला होने और अपनी जाति की वजह से निशाना बनाया जा रहा था। हालांकि, निधि पांडे ने सीधे तौर पर किसी का नाम नहीं लिया।
फिलहाल कांग्रेस में बनी रहेंगी
निधि ने आगे कहा कि उन्हें लगातार अपमानित किया जा रहा था। उन्हें अपना काम करने नहीं दिया जा रहा था। निधि पांडे ने यह भी साफ किया कि उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन फिलहाल वह कांग्रेस में बनी रहेंगी।
कांग्रेस की सक्रिय और मुखर चेहरा रहीं हैं
निधि पांडेय बिहार कांग्रेस की एक सक्रिय और मुखर प्रवक्ता रही हैं। वह पार्टी के लिए मीडिया में अपनी बात रखने और बिहार की राजनीति में कांग्रेस की आवाज को बुलंद करने में अहम भूमिका निभाती थीं। निधि ने अपने कार्यकाल में विभिन्न मुद्दों पर पार्टी का पक्ष रखा, चाहे वह नीतीश सरकार की नीतियों पर हमला हो या विपक्षी दलों के खिलाफ बयानबाजी। उनकी वाकपटुता और तर्कपूर्ण ढंग से मुद्दों को प्रस्तुत करने की क्षमता ने उन्हें बिहार कांग्रेस के युवा चेहरों में शामिल किया था। हाल ही में बिहार की एनडीए सरकार के खिलाफ चूड़ी लेकर प्रदर्शन करने वाली निधि पांडेय की तस्वीरें खूब वायरल हुई थीं।
नए प्रदेश अध्यक्ष की बढ़ी चुनौतियां
बिहार कांग्रेस में पिछले कुछ समय से पार्टी के भीतर गुटबाजी और आपसी खींचतान चरम पर है। कई बार ये विवाद सार्वजनिक मंच पर भी आ चुके हैं, जिससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा है। नए बिहार प्रदेश कांग्रेस प्रभारी कृष्ण अल्लावरु ने जब पद संभाला था, तब उन्होंने अपनी पहली प्राथमिकता ही बिहार कांग्रेस के आंतरिक विवाद को खत्म करना बताया था। हालांकि, उसकी चुनौतियां बढ़ती दिख रही है।