भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के प्रभारी कन्हैया कुमार ने बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश की अगुवाई वाली एनडीए सरकार पर जमकर हमला बोला है। शनिवार को पटना के सदाकत आश्रम में प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनएसयूआई के प्रभारी कन्हैया कुमार ने कहा कि पिछले 20 सालों में भाजपा-जेडीयू सरकार ने बिहार को बर्बाद और बदहाल कर दिया है। अब कांग्रेस आने वाले दिनों में भाजपा-जेडीयू की सत्ता से 20 साल की बिहार की बदहाली पर 20 सवाल पूछेगी।
20 दिनों तक सरकार से पूछेंगे सवाल
कन्हैया कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कांग्रेस ने ’20 साल- 20 सवाल’ अभियान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में कांग्रेस के नेता लगातार 20 दिनों तक डबल इंजन की सरकार से बिहार से जुड़े मुद्दों पर जनता की ओर से सवाल पूछेंगे।
मोदी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
कन्हैया कुमार ने शनिवार को पीरपैंती बिजली घर से जुड़ा मुद्दा उठाया और कहा कि यह प्रोजेक्ट यूपीए सरकार के दौरान शुरू हुआ था, जिसे केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से पूरा किया जाना था। लेकिन बाद में इसे पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी अडानी को सौंप दिया गया। उन्होंने सवाल किया कि इस परियोजना के लिए तय बजट की राशि आखिर कहां गायब हो गई।
बिहार में 6 रुपए प्रति यूनिट पर बिजली का सौदा
कन्हैया ने आरोप लगाया कि दूसरे राज्यों में अडानी 3 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली सप्लाई कर रहे हैं और बिहार में 6 रुपए प्रति यूनिट पर सौदा हुआ है। इससे बिहार को लगभग 56000 करोड़ रुपए की हानि हो रही है। उन्होंने कहा कि किसानों से सस्ती जमीन लेकर महंगे दाम पर बिजली खरीदना बिहार के हित में नहीं है।
अडानी को लाभ पहुंचाने का आरोप
कन्हैया कुमार ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जो सरकार वोट चोरी से बनती है, वह जमीन चोर और मुनाफाखोर बन जाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में भ्रष्टाचार और पूंजीपतियों के प्रभाव की राजनीति चरम पर है। उनका दावा है कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री के “मित्र” अडानी को बिहार में 1 रुपए प्रति वर्गफुट दर से जमीन दी, जबकि यह जमीन आम निवेशकों या राज्य की जनता के हित में इस्तेमाल की जा सकती थी।
पीएम मोदी के युवा संवाद कार्यक्रम पर निशाना
युवाओं और रोजगार के मुद्दे पर बोलते हुए कन्हैया कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के युवा संवाद कार्यक्रम पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री युवाओं से संवाद कर रहे हैं, यह स्वागत योग्य है, लेकिन प्रधानमंत्री को संवाद नहीं, समाधान देना चाहिए, क्योंकि बिहार और देश के युवाओं को सिर्फ बातें नहीं, अवसर चाहिए।