बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार के लिए बड़ी खबर है। बिहार लगातार विकास की सीढ़ियां चढ़कर नया कीर्तिमान गढ़ रहा है। बिहार की अर्थव्यवस्था ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में नई ऊंचाई हासिल की है। उप मुख्यमंत्री और सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि राज्य की विकास दर 8.64 प्रतिशत रही, जबकि सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 4.89 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 5.31 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

बिहार का विकास दर कई राज्यों से अधिक
उप मुख्यमंत्री और सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने यह जानकारी साझा करते कहा कि पिछले 20 वर्षों में बिहार ने विकास दर को 8.64% तक ले जाने में सफल हुआ है। यह विकास दर कई राज्यों से अधिक है। इस ऐतिहासिक क्षण के लिए केवल सरकार ही नहीं बल्कि हर बिहारवासी की मेहनत का भी परिणाम है। वर्ष 2024-25 में राज्य की अर्थव्यवस्था एक वर्ष में 4.89 लाख करोड़ से बढ़कर 5.31 लाख करोड़ रुपये हो गई है। जीडीपी भी जल्द ही 10 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करने जा रही है।
बिहार केवल कृषि पर निर्भर राज्य नहीं रहा
सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार अब केवल कृषि पर निर्भर राज्य नहीं रहा। राज्य में औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों ने तेजी से कदम बढ़ाए हैं। निर्माण और उत्पादन क्षेत्र में 11 प्रतिशत, सेवा क्षेत्र में 8.9 प्रतिशत और परिवहन और संचार क्षेत्र में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि वित्तीय अनुशासन के चलते राज्य का राजकोषीय घाटा भी नियंत्रण में आया है। पहले यह 6.2 प्रतिशत था, जो घटकर अब 2.9 प्रतिशत रह गया है।
2.3 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने आगे बताया कि निवेश के संदर्भ में भी बताया कि हाल के सम्मेलनों से 2.3 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। आईटी और इथेनॉल नीति के अंतर्गत नए उद्योगों से हजारों युवाओं को रोजगार मिल रहा है। सरकार ने ‘बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज-2025’ की घोषणा की है। इसके तहत यदि कोई उद्यमी 100 करोड़ रुपये से अधिक निवेश करता है और 1,000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजित करता है, तो उसे 10 एकड़ तक भूमि नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।साथ ही नई ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ के तहत प्रत्येक परिवार की एक महिला को रोजगार शुरू करने हेतु प्रारंभिक सहायता के रूप में 10,000 रुपये दिए जाएंगे, और छह माह बाद व्यवसाय की प्रगति को देखते हुए 2 लाख तक अतिरिक्त सहायता मिलने की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है।
कृषि क्षेत्र में 16 उत्पादों को मिल चुका जीआई टैग
सम्राट चौधरी ने कहा कि कृषि क्षेत्र में बिहार पहले ही अपनी पहचान बना चुका है। मक्का, मखाना, लीची, भिंडी और मशरूम उत्पादन में राज्य देश में पहले स्थान पर है। अब तक 16 उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है, जिनमें शाही लीची, भागलपुरी सिल्क और मिथिला मखाना प्रमुख हैं। इससे न केवल किसानों की आमदनी बढ़ी है, बल्कि बिहार की पहचान वैश्विक स्तर पर भी मजबूत हुई है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य 2047 तक बिहार को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाना है। निवेश, औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन की दिशा में उठाए गए कदम इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए निर्णायक साबित होंगे।

