Bihar: बिहार में राजस्व महाभियान का आगाज, भूमि विवादों पर लगेगी लगाम, घर बैठे मिलेगी जमाबंदी सुधार की सुविधा

Neelam
By Neelam
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बिहार में जमीन और जमाबंदी से जुड़े विवादों पर का निपटारा होगा। बिहार में लाखों जमाबंदियों में खाता-खेसरा, प्लॉट की चौहद्दी और क्षेत्रफल की जानकारी गलत या अधूरी है। कई जमीनें पुरखों के नाम पर हैं, लेकिन मौखिक बंटवारे के कारण वर्तमान मालिकों के नाम अपडेट नहीं हैं। इन समस्याओं ने भूमि विवादों को बढ़ावा दिया है। इसे दुरुस्त करने के लिए आज यानी 16 अगस्त से राजस्व महाअभियान की शुरुआत हो गई है। यह महाअभियान 20 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान राजस्व विभाग की टीम घर-घर जाकर लोगों के जमीन से जुड़े कागजातों की जांच करेगी और जरूरी सुधार करेगी। 

क्या-क्या होगा महाअभियान में?

इस राजस्व महाअभियान के तहत राज्यभर में डिजिटाइज्ड जमाबंदी में त्रुटियों का सुधार (परिमार्जन), छूटी हुई जमाबंदियों को ऑनलाइन कराना, उत्तराधिकार नामांतरण और बंटवारा नामांतरण जैसे मामलों का समाधान किया जाएगा। इसके साथ ही नाम, खाता, खेसरा, रकबा, लगान जैसी अशुद्धियों को ठीक किया जाएगा। साथ ही ऑफलाइन जमाबंदी को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा। रैयत की मृत्यु के बाद उत्तराधिकारियों के नाम पर जमाबंदी कराई जाएगी। संयुक्त जमाबंदी के मौखिक बंटवारे के बावजूद अंशधारकों के नाम से अलग जमाबंदी सुनिश्चित की जाएगी।

जिलों और प्रखंडों में शिविर लगाए जाएंगे

इस अभियान के तहत जिलों और प्रखंडों में शिविर लगाए जाएंगे। हर शिविर में 10 टेबल और 10 विशेष सर्वेक्षण अमीन लैपटॉप व इंटरनेट डोंगल के साथ मौजूद रहेंगे। मौके पर ही लोगों के आवेदन की प्राथमिक एंट्री की जाएगी। नामांतरण और बंटवारे से जुड़े आवेदन म्यूटेशन प्लस पोर्टल पर और सुधार संबंधी आवेदन परिमार्जन प्लस पोर्टल पर प्रोसेस होंगे।

हर घर तक पहुंचेगी सुधार की सुविधा

इस अभियान की खासियत है कि लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। प्रत्येक राजस्व गांव में टीमें प्रिंटेड जमाबंदी बांटेंगी, जिसमें त्रुटियों को चिह्नित करने की सुविधा होगी। हल्का स्तर पर दो शिविर लगेंगे जहां राजस्व कर्मचारी, अमीन और पंचायत प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। आवेदनों की प्राथमिक एंट्री के बाद ओटीपी के जरिए रजिस्ट्रेशन होगा और अंचल कार्यालयों में अंतिम निष्पादन किया जाएगा।

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