बिहार में भले चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन सियासी हलचल जोरों पर है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। वहीं, वादों और दावों की भी झड़ी लगी हुई है। इस बीच बिहार के पूर्व मंत्री एवं विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) प्रमुख मुकेश सहनी ने भी बड़ा दावा किया है। मुकेश सहनी ने कहा है कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनने पर वे डिप्टी सीएम बनेंगे। यही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी वाले उनसे मिलना चाहते हैं, लेकिन वह नहीं मिल रहे हैं।

वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी ने खुद को आरजेडी के तेजस्वी यादव के बाद महागठबंधन का दूसरा नेता बताया है। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव तेजस्वी और मेरे नेतृत्व में लड़ा जाएगा। इंडिया अलायंस यानी महागठबंधन की सरकार बनने पर मल्लाह का बेटा (मुकेश सहनी) डिप्टी सीएम बनेगा। वीआईपी चीफ ने यह भी दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता उनसे मिलना चाहते हैं, लेकिन वह नहीं मिल रहे हैं।
दिलीप जायसवाल से माफी की मांग
मुकेश सहनी ने डॉ. दिलीप जायसवाल के ‘झोला उठाए जाने’ वाला बताए जाने पर चेतावनी देते हुए कहा कि निषाद समाज अब ‘लोडर’ नहीं, लीडर बनने वाले हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अपनी बात वापस लें, नहीं तो उन्हें निषाद को झोला उठाने वाला कहना महंगा पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस शब्द के लिए भाजपा अध्यक्ष को माफी मांगनी चाहिए, यह पूरे निषाद समाज और बिहार का अपमान है। सहनी ने कहा, कोई अपने समाज के अधिकार के लिए संघर्ष कर रहा है तो वह झोला नहीं उठाता, बल्कि वह अपने समाज के प्रति जिम्मेदारी और कर्तव्य का निर्वाह करता है और यह मैं जीवनभर करूंगा। मुकेश सहनी ने कहा कि निषाद समाज ने वीआईपी पार्टी बना ली है और अपने हक और अधिकार के लिए संघर्ष कर रही है।
निषाद आयोग को लेकर बीजेपी पर साधा निशाना
सहनी भाजपा के निषाद आयोग बनाए जाने की घोषणा को झुनझुना बताते हुए कहा कि बिहार में 20 सालों से एनडीए की सरकार है, लेकिन इसकी याद नहीं आई। अब जब दो-चार महीने में इनकी विदाई होने वाली है, तो यह निषाद समाज को बरगलाने के लिए झुनझुना की बात कर रहे हैं। बिहार के पूर्व मंत्री सहनी ने भाजपा को सलाह देते हुए कहा कि अगर उन्हें निषाद समाज का वोट चाहिए तो अन्य राज्यों की तरह ही बिहार में निषाद समाज के लिए आरक्षण दे दें। उन्होंने कहा कि मेरी लड़ाई निषादों के हक और अधिकार दिलाने की है, जिससे पीछे नहीं हटूंगा।
निषाद समाज को आरक्षण देने की मांग
वीआईपी प्रमुख ने केंद्र सरकार से मल्लाह और मछुआरा समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग की। उन्होंने भाजपा के निषाद महासम्मेलन किए जाने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा इस सम्मेलन के जरिए भीड़ जुटा सकती है, लेकिन उन्हें अब निषादों का वोट नहीं मिल सकता है। निषाद समाज को भाजपा ने शुरू से बरगलाने का काम किया है। आखिर केंद्र में भाजपा की सरकार है, प्रदेश में सरकार है, तो निषाद समाज को आरक्षण क्यों नहीं दे देती है?