बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण का मतदान की तारीख नजदीक आ चुकी है। राजनीतिक दल पूरे दम-खम से चुनाव प्रचार में लगे हैं। शनिवार को बिहार सीएम नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी जनता दल यूनाइटेड की प्रत्याशी मनोरमा देवी के पक्ष में गया के बेलागंज में चुनावी जनसभा को संबोधित करने पहुंचे। चुनाव के प्रचार के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सभा के दौरान एक बड़ा हादसा टल गया।

20 किलो की माला पहनाने के दौरान मंच धंसा
चुनावी जनसभा में सीएम नीतीश कुमार के स्वागत में मुख्यमंत्री को 20 किलो की फूलों की माला पहनाने की तैयारी की जा रही थी। माला पहनाने के लिए समर्थक और कार्यकर्ता की भीड़ मंच पर पहुंची। ज्यादा भीड़ होने के कारण मंच का एक हिस्सा अचानक धंस गया, इसकी आवाज भी आई। आवाज सुन सुरक्षाकर्मियों ने कार्यकर्ताओं और समर्थकों को मंच से नीचे उतार दिया। सीएम नीतीश को भी मंच से सुरक्षित नीचे उतारा गया।
सुरक्षाकर्मियों की तत्परता से बाल-बाल बचे सीएम
जानकारी के मुताबिक, सभा शुरू होने के कुछ ही समय बाद सैकड़ों समर्थक मंच पर चढ़ आए, ताकि वे मुख्यमंत्री को विशाल माला पहनाकर स्वागत कर सकें। मंच पर अचानक अधिक वजन पड़ने से बीच का हिस्सा धंस गया।धंसने की तेज आवाज सुनते ही सुरक्षाकर्मियों ने तत्परता दिखाई और नीतीश कुमार को तुरंत मंच के एक सुरक्षित हिस्से में ले जाकर निकाल लिया। इसके बाद भीड़ को मंच से उतारा गया।
हादसे के बाद सीएम का संबोधन
घटना के बावजूद मुख्यमंत्री ने हिम्मत नहीं हारी और कुछ देर बाद सभा में लौटकर जनसभा को संबोधित किया। अपने संबोधन में नीतीश कुमार ने 2005 से पहले और बाद के बिहार की तुलना की। सभा को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि हमलोगों ने 20 साल में काफी काम किया है। उससे पहले की सरकार ने क्या किया सबको पता है। हिंदू मुस्लिम झगड़े होते थे, बहुत कम बच्चे पढ़ते थे, इलाज का इंतजाम नहीं था। सड़के और बिजली कम था। याद है न पहले वाला 15 साल। जब हटने की बारी आई तो पत्नी को बना दिया था। वह सब अपने परिवार का ही करता था। अब डर और भय का वातावरण नहीं है।
गिनाईं अपनी सरकार की उपलब्धियां
नीतीश कुमार ने अपनी सरकार के कामों को गिनाते हुए कहा, 2006 में पंचायती राज में 50% आरक्षण, 2013 में पुलिस में 35% और 2016 में सभी सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण महिलाओं को दिया गया। उन्होंने बताया कि आज बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या देश में सबसे अधिक है। साथ ही उन्होंने कहा कि 2006 में विश्व बैंक की मदद से ‘जीविका’ समूह की शुरुआत की थी। आज बिहार में इन जीविका दीदियों की संख्या 1 करोड़ 40 लाख हो चुकी है, जो राज्य के आर्थिक ताने-बाने में अहम भूमिका निभा रही हैं। नीतीश कुमार ने एनडीए की सरकार आने के बाद अगले 5 साल में 1 करोड़ लोगों को नौकरी और रोजगार देने का वादा किया।

