बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर बड़े नेताओं का दौरा शुरू हो गया है। इसी क्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बीजेपी के दौरे पर हैं। शाह का डेहरी ऑनसोन और बेगूसराय में अहम कार्यक्रम है। इससे पहले पटना में नीतीश कुमार ने अमित शाह से मुलाकात की। सीएम नीतीश खुद अपनी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा और मंत्री विजय कुमार चौधरी के साथ पटना के होटल मौर्या पहुंचे। यहां नीतीश कुमार और अमित शाह के बीच करीब घंटे पर बातचीत हुई।

सूत्र बताते हैं कि सीएम नीतीश के होटल मौर्य पहुंचते ही अमित शाह ने आगे बढ़कर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों नेताओं के बीच बिल्कुल खुशफहमी भरे माहौल में बातचीत हुई। मीटिंग से निकलने के दौरान भी सीएम नीतीश के चेहरे सामान्य दिखे। वहीं डेप्युटी सीएम सम्राट चौधरी और विजय चौधरी सबसे पहले मीटिंग से बाहर निकले। सीएम नीतीश सहयोगी संजय झा के साथ बातचीत करते हुए मीटिंग से बाहर आए। सीएम नीतीश से मुलाकात के बाद गृहमंत्री अमित शाह डेहरी के लिए रवाना हो गये।
एनडीए के सीट शेयरिंग की डील फाइनल
सूत्रों की मानें तो, गृहमंत्री अमित शाह के साथ बातचीत के दौरान बिहार चुनाव में एनडीए के सीट शेयरिंग से लेकर अन्य कई मुद्दों पर बातचीत हुई। कहा जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच एनडी के अन्य घटक दल खासकर चिराग पासवान और जीतन राम मांझी की ओर से मांगी जा रही विधानसभा सीटों को लेकर भी लंबी वार्ता चली। माना जा रहा है कि इस मीटिंग में ही करीब करीब एनडीए के सीट शेयरिंग को लेकर सारी डील लगभग फाइनल हो गई है।
एनडीए के ऐसा हो सकता है सीट शेयरिंग फॉर्मूला
बिहार में विधानसभा की 243 सीटें हैं। एनडीए में बिहार में पांच दल बीजेपी, जनता दल यूनाइटेड, एलजेपी रामविलास, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा है। सूत्रों की मानें तो ताजा आंकड़ा निकलकर आ रहा है उसके अनुसार, बिहार में 243 में से जदयू और बीजेपी के बीच सीट बंटवारे का फॉर्मूला लगभग तय हो चुका है। जदयू 102 से 103 सीटों पर और बीजेपी 101 से 102 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। यह व्यवस्था 2020 के विधानसभा चुनाव के फॉर्मूले से मिलती-जुलती है, जब जदयू ने 115 और बीजेपी ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा था।
बची हुई 40 सीटें एलजेपी-हम-आरएलएम के लिए
बाकी बची लगभग 40 सीटें एनडीए के अन्य सहयोगी दलों- लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) (एलजेपी-आर), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम), और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के बीच बांटी जाएंगी. चिराग पासवान की अगुवाई वाली एलजेपी-आर 25 से 28 सीटों की मांग कर रही है, जो कि उनकी पार्टी के मौजूदा राजनीतिक प्रभाव और लोकसभा में पांच सांसदों की मौजूदगी को देखते हुए एक बड़ा हिस्सा माना जा रहा है। वहीं, जीतन राम मांझी की हम को 6 से 7 सीटें और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम को 4 से 5 सीटें मिलने की संभावना है।

