बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को लेकर एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है। नए साल से पहले पटना की सड़कों पर लगे पोस्टरों ने इस बहस को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। साल के अतिम दिन बुधवार को फिर एक बार पटना की सड़कों पर एक पोस्टर नजर आया, जिसमें निशांत कुमार को सक्रिय राजनीति में लाने की मांग की गई है।

अगली पीढ़ी को पार्टी की कमान देने की मांग
बुधवार को पटना की सड़कों पर एक पोस्टर दिखा, जिसमें निशांत कुमार को औपचारिक रूप से राजनीति में लाने और जदयू की लीडरशिप उन्हें सौंपने की अपील की गई थी। यह पोस्टर जदयू छात्र विंग के उपाध्यक्ष कृष्णा पटेल ने लगाया था। पोस्टर में एक तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दूसरी तरफ निशांत कुमार की तस्वीर है, साथ में हिंदी में एक नारा लिखा है, “चाचा जी के हाथों में सुरक्षित अपना बिहार, अब पार्टी की अगली पीढ़ी का भविष्य संवारे भाई निशांत कुमार। नए साल और मकर संक्रांति की शुभकामनाएं।”
राजीव रंजन बोले- वे युवाओं की उम्मीद
पोस्टरों पर जदयू के दिग्गज नेताओं की भी प्रतिक्रिया आई है। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने बुधवार को आईएएनएस से बातचीत में कहा, “बिहार के युवाओं को निशांत कुमार से उम्मीद हैं। वह शिक्षित और सुलझे हुए नौजवान हैं। बिहार जैसे राज्य में लोगों को लगता है कि निशांत कुमार जैसे युवाओं के आने से राजनीति को एक नई दिशा मिलेगी। हम सभी चाहते हैं कि निशांत कुमार जल्द से जल्द राजनीति में आएं, लेकिन यह फैसला उन्हें स्वयं करना है।”
निशांत की सियासी एंट्री को लेकर भूख हड़ताल
इससे पहले रविवार को जेडीयू से जुड़े संगठन ‘मुकुंद सेना’ के सदस्यों ने इसी मांग को लेकर पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर 12 घंटे की भूख हड़ताल की थी। प्रदर्शनकारियों ने कहा था कि वे किसी भी कीमत पर निशांत कुमार को राजनीति में आते देखना चाहते हैं। उन्होंने निशांत कुमार को सुशिक्षित, सक्षम और दूरदर्शी बताया। उनका मानना है कि उनके नेतृत्व से जनता दल यूनाईटेड को नई दिशा मिल सकती है और पार्टी का भविष्य मजबूत हो सकता है।

