बिहार के सभी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स आज (मंगलवार) से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। जूनियर डॉक्टर्स स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि वे दिन-रात 12 से 18 घंटे काम करते हैं। इसके बावजूद उन्हें बहुत कम स्टाइपेंड मिलता है। हड़ताल के चलते ओपीडी सेवाओं पर असर देखा गया। ओपीडी सेवा ठप होने से मरीजों की मुश्किलें काफी ज्यादा बढ़ गई हैं।

इमरजेंसी सेवा ठप करने की चेतावनी
डॉक्टर का कहना था कि हम लोग स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। जब तक मांग पूरी नहीं होती है तब तक हड़ताल जारी रहेगी। अभी हम लोगों ने ओपीडी सेवा को ठप कर दिया है, लेकिन सरकार ने बात नहीं सुनी तो हम लोग इमरजेंसी सेवा को भी ठप कर देंगे। अभी इमरजेंसी सेवा को बाधित नहीं किया जा रहा है।
मरीज और उनके परिजन परेशान
बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में मंगलवार सुबह से ही मरीज और उनके परिजन परेशान होते दिख रहे हैं। हड़ताल की वजह से पूरे अस्पताल में अस्त-व्यस्त का माहौल है। खासकर उन मरीजों को ज्यादा परेशानी हो रही है जो दूसरे जिलों से या गांव से पीएमसीएच में इलाज के लिए पहुंचे हैं। यहां इलाज नहीं मिलने के चलते उन मरीजों को खाली हाथ यहां से लौटना पड़ रहा है।
स्टाइपेंड बढ़ाकर 40 हजार करने की मांग
पीएमसीएच में मंगलवार सुबह में ही जूनियर डॉक्टरों ने सभी रजिस्ट्रेशन काउंटरों को बंद करा दिया है। डॉक्टरों का कहना है कि ना तो रजिस्ट्रेशन होगा ना तो वह मरीजों का इलाज करेंगे। प्रदर्शन करने वाले डॉक्टरों ने कहा कि अभी स्टाइपेंड 20 हजार मिलता है, इसे बढ़ाकर 40 हजार करने की हम लोग मांग कर रहे हैं। बिहार छोड़कर ज्यादातर राज्यों में जूनियर डॉक्टरों को 40 हजार स्टाइपेंड मिलता है, लेकिन यहां उसका आधा है। हर तीन साल पर स्टाइपेंड बढ़ाने का प्रावधान है, लेकिन बिहार में स्वास्थ्य विभाग इसे अनदेखा करता है। इसके लिए कई बार हम लोगों ने लिखित आवेदन स्वास्थ्य सचिव और स्वास्थ्य मंत्री को दिया है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया।