बिहार की राजधानी पटना में, सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल खत्म हो गई है। लगातार दो दिनों से चल रही हड़ताल को जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने सरकार और स्वास्थ्य विभाग के साथ हुई बात को सकारात्मक बताते हुए खत्म कर दी। बिहार सरकार से सफल बातचीत के बाद डॉक्टरों की मांगों को लिखित रूप से स्वीकार कर लिया गया है। इसके साथ ही सभी चिकित्सीय सेवाएं तत्काल प्रभाव से बहाल कर दी गई हैं।

मांगों पर सहमति बनी
सरकार के साथ करीब 48 घंटे तक चली बैठक में जूनियर डॉक्टरों की मांगों पर सहमति बनी। इसके बाद एसोसिएशन ने तुरंत हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया। समझौते के बाद पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (PMCH), दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (DMCH), नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (NMCH) और जेएलएन मेडिकल कॉलेज (JLNMCH) समेत सभी संबंधित अस्पतालों में जूनियर डॉक्टरों ने मरीजों को सेवा देना शुरू कर दिया है।
लिखित आश्वासन के बाद हड़ताल खत्म
जेडीयू की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए इस बात की जानकारी दी गई है। बताया गया कि जूनियर डॉक्टर्स को लिखित तौर पर आश्वासन मिला है कि उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा। इसके बाद जूनियर डॉक्टर्स ने आश्वासन मिलते ही हड़ताल को खत्म कर दिया और वे लोग वापस काम पर लौट आए।
क्या हैं जेडीए की मांगें?
- बॉन्ड सेवा की अवधि घटाना: बॉन्ड सेवा की अवधि को घटाकर सिर्फ एक साल किया जाए।
- वेतन वृद्धि: काम के बोझ के हिसाब से सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों का वेतन बढ़ाया जाए।
- मेरिट के आधार पर पोस्टिंग: बॉन्ड पोस्टिंग मेरिट और विशेषज्ञता के आधार पर होनी चाहिए।
- बॉन्ड अवधि में वेटिंग पीरियड को शामिल करना: रिजल्ट घोषित होने और पोस्टिंग मिलने के बीच के समय को बॉन्ड अवधि में गिना जाए।
- इस्तीफे पर वेतन की सुरक्षा: अगर कोई बॉन्ड अवधि पूरी होने से पहले इस्तीफा देता है, तो उससे अर्जित वेतन वापस न लिया जाए।
- सीनियर रेजिडेंसी में बॉन्ड सेवा को शामिल करना: बॉन्ड सेवा को सीनियर रेजिडेंसी अनुभव में जोड़ा जाए।
मरीजों ने ली राहत की सांस
जूनियर डॉक्टर्स की दो दिनों की हड़ताल में सबसे अधिक मरीज ही हलकान हुए। हड़ताल के दौरान अस्पतालों की व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई थी। इलाज के लिए दूरदराज से आए सैकड़ों मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। कई लोग डॉक्टर न मिलने की वजह से बिना इलाज के ही वापस लौटने को मजबूर हो गए थे। हालांकि हड़ताल समाप्त होने के बाद अब अस्पतालों में फिर से मरीजों को राहत मिली है।

