बिहार में होने वाली महत्वपूर्ण भर्ती परीक्षाओं से ठीक पहले पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। बिहार में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं को प्रभावित करने वाले संगठित गिरोहों के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) का अभियान जारी है। इसी क्रम में ईओयू की विशेष टीम ने कुख्यात परीक्षा माफिया संजय कुमार प्रभात को गिरफ्तार किया है। ईओयू की विशेष टीम ने ने उसे पटना के गोला रोड इलाके से गिरफ्तार किया है।

कई प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक में संदिग्ध
जानकारी के मुताबिक, ईओयू को सोमवार एक गुप्त सूचना मिली कि पटना के गोला रोड इलाके में वर्षों से परीक्षा लीक रैकेट से जुड़े एक व्यक्ति की गतिविधियां बढ़ गई हैं। इस सूचना की पुष्टि होने पर ईओयू की विशेष टीम ने तत्काल छापेमारी की और संजय कुमार प्रभात नामक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। प्रभात पिछले कई वर्षों से विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक कराने के आरोपों में संदिग्ध रहा है।
इस अहम परीक्षाओं से पहले सफलता
संजय कुमार प्रभात, शेखपुरा जिले के शेखोपुर बाजार का निवासी है। इओयू द्वारा सिपाही चालक भर्ती परीक्षा (10 दिसंबर) और प्रवर्तन अवर निरीक्षक (Enforcement Sub Inspector) परीक्षा (14 दिसंबर) से पहले परीक्षा गिरोहों पर चलाए जा रहे विशेष अभियान के दौरान इसे पकड़ा गया। ईओयू को यह भी जानकारी मिली थी कि संजय कुमार प्रभात 10 दिसंबर 2025 को होने वाली चालक सिपाही भर्ती परीक्षा और 14 दिसंबर 2025 को होने वाली प्रवर्तन अवर निरीक्षक परीक्षा सहित अन्य आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं में भी ‘सेटिंग’ करने की फिराक में था।
पूछताछ के दौरान किए कई खुलासे
गिरफ्तारी के बाद बिहार पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आरोपित संजय कुमार प्रभात ने पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उसने स्वीकार किया है कि वह कई प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक कर लाखों रुपये कमा चुका है और अपने नेटवर्क के जरिए राज्य के अलग-अलग जिलों में छात्रों तक पेपर पहुंचाता था। पुलिस अब उससे उस गैंग के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी जुटा रही है, जो इस अवैध धंधे में शामिल हैं।
पेपर लीक के लिए लाख रुपये की वसूली
संजय कुमार प्रभात मुख्य रूप से 15 मार्च 2024 को आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में वांछित था। पुलिस का कहना है कि आरोपी ने बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक कराकर भारी मात्रा में धन अर्जित किया। वह अभ्यर्थियों को लीक प्रश्न पत्र उपलब्ध कराने के लिए बिचौलिए के तौर पर काम करता था और प्रत्येक अभ्यर्थी से कमीशन के रूप में लगभग एक लाख रुपये की वसूली करता था।
तेलंगाना से लेकर उत्तराखंड तक फैलाया जाल
आरोपी का आपराधिक इतिहास काफी पुराना और अंतरराज्यीय स्तर का है। वह वर्ष 2016 में तेलंगाना स्टेट इंजीनियरिंग, एग्रीकल्चर एवं मेडिकल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के पेपर लीक कांड में भी अभियुक्त था। 2016 में उत्तराखंड के हल्द्वानी में हुए ऑल इंडिया प्री-मेडिकल टेस्ट पेपर लीक मामले में भी उसका नाम सामने आया था।

