बिहार की राजधानी पटना में उद्योगपति गोपाल खेमका हत्या मामले की जांच एसआटी कर रही है। इस मामले में पुलिस ने शनिवार को बेऊर जेल के अंदर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान जेल में 3 मोबाइल मिलने के बाद तीन कक्षपाल को सस्पेंड किया गया है। वहीं तीन अधिकारियों को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, जांच में यह संदेह गहराता जा रहा है कि इस हत्याकांड की साजिश जेल के भीतर से ही रची गई थी। शनिवार को पटना के बेऊर जेल में छापा मारा गया और कई कुख्यातों से पूछताछ हुई। पटना की सिटी एसपी (मध्य) दीक्षा के नेतृत्व में गठित एसआईटी में दो डीएसपी, एक एएसपी, तीन इंस्पेक्टर, एक दारोगा और टेक्निकल सेल के पुलिसकर्मी शामिल हैं।
अलग-अलग वार्डों से संदिग्ध चीजें बरामद
शनिवार की सुबह रेंज आईजी जीतेंद्र राणा के साथ एसएसपी व अन्य पुलिस अधिकारियों ने मौका-ए-वारदात पर पहुंच घटना की जांच की। एसआईटी ने कई जगहों पर छापेमारी की है। जेल के अलग-अलग वार्डों से पुलिस ने तीन मोबाइल, सिम कार्ड, एक डाटा केबल, कागज पर लिखा मोबाइल नंबर व अन्य सामान बरामद किये हैं। छापेमारी के दौरान बरामद मोबाइल फोन और संचार के अन्य साधनों ने प्रशासन को गंभीर सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है।
लापरवाही और संदिग्ध भूमिका के आरोप में नपे
ऐसे में रविवार को जेल प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बेउर जेल के तीन कक्षपालों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इन पर लापरवाही और संदिग्ध भूमिका का आरोप है। वहीं, जेल के सहायक अधीक्षक नीरज कुमार और उपाधीक्षक अजय कुमार को कारण बताओ नोटिस (शो कॉज) जारी किया गया है। उनसे पूछा गया है कि कैसे इतनी चूक हुई और प्रतिबंधित सामान जेल के अंदर पहुंचा।
सीएम नीतीश ने की उच्चस्तरीय बैठक
इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को डीजीपी और अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर विधि व्यवस्था की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध करने वाले किसी सूरत में बख्शे नहीं जाएंगे। बता दें कि कारोबारी गोपाल खेमका की शुक्रवार की रात करीब 11:45 बजे गांधी मैदान के समीप उनके आवास के ठीक सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।