Bihar: बिहार में पूर्व विधायक और वर्तमान विधायक का कसा शिकंजा, बिहार सरकार लाई-डिटेक्शन टेस्ट की तैयारी में

Neelam
By Neelam
2 Min Read

बिहार में एक बार फिर सियासी भूचाल मच गया है। बिहार में चर्चित एमएलए हार्स ट्रेडिंग केस में अब पुलिस जांच नए मोड़ पर पहुंच गई है। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) मामले में शामिल कुछ संदिग्धों का लाई-डिटेक्शन टेस्ट (झूठ पकड़ने की जांच) कराने की तैयारी कर रही है। ईओयू के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने इसकी पुष्टि की।

डीआईजी ढिल्लों ने बताया कि इस केस में अब तक कई लोगों से पूछताछ की गई है, जिनमें पूर्व विधायक और वर्तमान विधायक भी शामिल हैं। पूछताछ के दौरान कुछ लोगों के जवाब संतोषजनक नहीं मिले। ऐसे में अब उनका लाई-डिटेक्शन टेस्ट कराने पर विचार किया जा रहा है। जांच में जिन नेताओं के नाम अब तक सामने आए हैं, उनमें पूर्व आरजेडी विधायक बीमा भारती और बीजेपी विधायक मिश्री लाल यादव भी शामिल हैं।

क्या है पूरा मामला

यह पूरा मामला फरवरी 2024 के दौरान सामने आया था। जब नीतीश कुमार के यू-टर्न के बाद बनी एनडीए सरकार ने विधानसभा में बहुमत साबित किया था। उसी दौरान जेडीयू विधायक सुधांशु शेखर ने पटना के कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें आरजेडी की ओर से पार्टी बदलने के लिए 10 करोड़ रुपये कैश और मंत्री पद की पेशकश की गई थी। अगर वह मान जाते तो तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आरजेडी फिर से सरकार बना सकती थी।

क्या जांच में बड़े नेताओं की संलिप्तता सामने आएगी?

ईओयू की जांच और लाई-डिटेक्शन टेस्ट की तैयारी के बाद बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। सवाल यह है कि क्या जांच में बड़े नेताओं की संलिप्तता सामने आएगी?या यह केस सिर्फ राजनीतिक बयानबाज़ी तक सीमित रह जाएगा?आने वाले दिनों में ईओयू की कार्रवाई और अदालत की प्रक्रियाएं तय करेंगी कि यह मामला बिहार की राजनीति में किसे संकट में डालता है और किसे राहत दिलाता है। देखना दिलचस्प होगा।

Share This Article