बिहार की आर्थिक अपराध इकाई ने ठगी और साइबर अपराध के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। ईओयू पटना की टीम ने सुपौल जिले के करजाईन थाना क्षेत्र के गोसपुर गांव में छापेमारी कर एक युवक को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार युवक सत्तारूढ़ दल जनता दल (यूनाइटेड) का नेता बताया जा रहा है। हर्षित मिश्रा नाम का यह नेता युवा जदयू का प्रदेश पदाधिकारी है। उसके खाते में 7 करोड रुपए बरामद किए गए हैं।

19 घंटे तक चली कार्रवाई
ईओयू द्वारा की गई यह कार्रवाई करोड़ों रुपये की ठगी और साइबर अपराध की आशंका के मद्देनज़र की गई है। हर्षित मिश्र के घर शनिवार दोपहर से छापेमारी शुरू हुई। 8 स्कॉर्पियो से करीब 25 से 30 की संख्या में आई अधिकारियों की टीम ने शनिवार को दोपहर 2 बजे छापेमारी शुरू की। करीब 19 घंटे तक चली कार्रवाई में हर्षित के घर से दर्जनों सिम लगाने वाला गैजेट, सैकड़ों सिम कार्ड, दर्जनों मोबाइल, लैपटॉप, बायोमेट्रिक डिवाइस, नोट गिनने की मशीन समेत कई सामान जब्त किए गए। वही पूछताछ में हर्षित के पास से वह मोबाइल और लैपटॉप भी मिला, जो उस बैंक खाते से जुड़ा था, जिसमें 7 करोड़ रुपये जमा थे।
साइबर पुलिस ने फ्रीज किया खाता
यह खाता पहले ही साइबर पुलिस ने फ्रीज कर दिया था। इसी आधार पर टीम ने कार्रवाई की है। इस कार्रवाई में ईओयू पटना की टीम के करीब तीन दर्जन सदस्य, सुपौल एसपी और साइबर थाना के अधिकारी शामिल थे। कार्रवाई के दौरान ईओयू और स्थानीय पुलिस ने मीडिया से कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। पूछताछ और कागजी प्रक्रिया के बाद हर्षित को पटना ले जाया गया। इसको लेकर करजाईन थानाध्यक्ष लालजी प्रसाद ने बताया कि मामला आर्थिक इकाई का है। इससे पहले उसका किसी प्रकार की अपराधिक इतिहास इस थाने में दर्ज नहीं है, हालांकि आधिकारिक रूप से कोई बयान जारी नहीं किया गया है।
बीजेपी छोड़ जेडीयू में हुआ शामिल
बताया जा रहा है कि हर्षित पहले भाजपा में था, लेकिन तीन महीने पहले जदयू में शामिल हुआ। कथित तौर पर बड़े नेताओं से नजदीकी के चलते उसे जदयू युवा मोर्चा का प्रदेश सचिव बना दिया गया। हर्षित के पिता विकास मिश्र ने बताया कि उनका पुत्र करीब तीन-चार वर्षों से गांव में रहता है। गांव में रहकर वह रियल स्टेट का कारोबार एवं राजनीति करता था। कुछ दिनों पूर्व ही वह युवा जदयू का प्रदेश सचिव बना है। मेरे पुत्र को राजनीति के तहत फंसाया गया है>