जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) मुखिया लालू यादव पर तीखा हमला बोला है। बिहार में लगातार हो रही अपराध की घटनाओं को लेकर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने भी सीएम नीतीश कुमार पर सवाल खड़े किए है। जिसके बाद प्रशांत किशोर ने लालू यादव पर जोरदार तंज कसा है। प्रशांत किशोर ने कहा है कि लालू यादव द्वारा अपराध की बात करना ऐसा ही है जैसे जंगल में शेर शाकाहारी होने की बात करे।

लालू यादव के बयान पर पीके का निशाना
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर बिहार बदलाव यात्रा पर निकले हुए हैं। यात्रा के तहत वह मंगलवार को सारण पहुंचे। जहां प्रशांत किशोर ने बिहार में अपराध पर लालू यादव के बयान को लेकर उनपर निशाना साधा है। प्रशांत किशोर ने कहा, लालू यादव अगर अपराध की बात कर रहे हैं तो यह वैसा ही है जैसे जंगल में कोई शेर शाकाहारी होने की बात करे। अगर लालू कानून-व्यवस्था की बात करते हैं, तो यह वैसा ही होगा जैसे कोई बूढ़ा शेर कहे कि वह अब शाकाहारी हो जाएगा।
लालू के 1990 के दशक के शासनकाल पर तंज
प्रशांत किशोर, जो कभी नीतीश कुमार और लालू यादव के रणनीतिकार रहे, अब जन सुराज के जरिए बिहार में तीसरे विकल्प के रूप में उभर रहे हैं। यह तंज लालू के 1990 के दशक के शासनकाल, जिसे ‘जंगल राज’ कहा जाता है।
नीतीश का शासन लालू के जंगल राज से भी बदतर-पीके
पीके ने बिहार की मौजूदा कानून-व्यवस्था को भी कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने हाल की घटनाओं, जैसे गया में पुलिस पर हमला और दरभंगा में व्यापारी की हत्या, का जिक्र करते हुए कहा कि नीतीश कुमार का शासन लालू के जंगल राज से भी बदतर हो चुका है। पीके ने दावा किया कि बिहार में हर दिन अपराध की 200 से ज्यादा घटनाएं दर्ज हो रही हैं, और पुलिस जनता की सुरक्षा में नाकाम है। उन्होंने नीतीश पर थकान और मानसिक अस्वस्थता का आरोप लगाया।
लालू ने उठाया नीतीश शासनकाल में बढ़ते अपराध पर सवाल
प्रशांत किशोर ने यह टिप्पणी लालू के उस पोस्ट पर की जिसमें उन्होंने राज्य में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए। लालू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पोस्ट में कहा कि नीतीश यह बताएं कि शाम 5 बजे से पहले घर में घुसकर ही कितनी हत्याएं हो रही हैं? क्या नीतीश को इस बात की जानकारी है कि उनके शासनकाल में आधिकारिक आंकड़ों में 65,000 हत्याएं हुई हैं। उन्होंने आगे कहा कि नीतीश और बीजेपी ने विधि व्यवस्था का दम ही नहीं निकाला बल्कि उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया है। बिहार में इतनी भ्रष्ट, लापरवाह और कामचोर पुलिस कभी भी नहीं रही।