Bihar: बिहार में सरकारी स्कूलों के लिए नया टाइम-टेबल जारी, छुट्टी से पहले राष्ट्रगान अनिवार्य

Neelam
By Neelam
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बिहार में प्राइमरी से लेकर प्लस टू तक के सभी सरकारी स्कूल अब मॉडल टाइम-टेबल से चलेंगे। यह प्रदेश के सभी संस्कृत स्कूलों एवं मदरसों पर भी लागू होगा। राज्य की नीतीश कुमार सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों से लेकर प्लस टू स्कूलों तक के लिए मॉडल टाइम टेबल जारी किया है। इसमें राज्यगीत और राष्ट्रगान पर स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

संस्कृत स्कूल और मदरसों पर भी होगा लागू

नई सरकार बनने के बाद शिक्षा विभाग ने प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए नई एडवाइजरी जारी कर दी है। शिक्षा विभाग ने अब सभी सरकारी स्कूलों में मॉडल टाइम टेबल लागू करने का निर्देश दिया है। खास बात यह है कि यह निर्देश राज्य के सभी संस्कृत स्कूल और मदरसों पर भी लागू होगा। माध्यमिक शिक्षा के निदेशक सज्जन आर की ओर से सभी स्कूलों को जारी किए गए नए टाइम टेबल की अधिसूचना भी जारी कर दी है।

प्रार्थना सभा से होगी स्कूल की शुरूआत

नई एडवाइजरी के मुताबिक हर स्कूल सुबह 9:30 बजे खुलेगा और शाम 4 बजे तक पढ़ाई, गतिविधियाँ और शैक्षिक कार्यक्रम जारी रहेंगे। हर दिन की शुरुआत एक सुव्यवस्थित प्रार्थना सभा से होगी। 9:30 से 10:00 तक सभी स्कूलों में प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाएगा । सुबह 9:30 बजे सभी छात्र मैदान में एकत्र होंगे, जहां उनकी वेशभूषा से लेकर साफ-सफाई तक की जांच की जाएगी। इसके साथ ही प्रार्थना, बिहार गीत, सामान्य ज्ञान और समाचार वाचन का आयोजन होगा। शिक्षा विभाग ने निर्देश दिया है कि शिक्षक हो या अन्य कर्मचारी—सभी को समय पर उपस्थित रहना अनिवार्य होगा।

10 बजे से आठ पीरियड की पढ़ाई

इसके बाद 10:00 बजे से 4:00 तक कुल 8 घंटी की पढ़ाई होगी।इसमें 10 बजे से 10:40 तक पहली घंटी होगी। वही 10:40 बजे से 11:20 बजे तक दूसरी घंटी होगी। 12 से 12:40 तक लंच होगा। इसी तहत हर चालीस मिनट की एक घंटी होगी। आठवीं घंटी 3:20 बजे से चार बजे तक चलेगी। इसके बाद छुट्टी हो जाएगी।

छुट्टी के वक्त राष्ट्रगान अनिवार्य

छुट्टी के वक्त सभी स्कूलों में राष्ट्रगान होगा और इसे हर दिन अनिवार्य रूप से करना होगा। अनिवार्य रूप से प्रत्येक कक्षा के बच्चों के लिए खेलकूद, संगीत, नृत्य, पेंटिंग की एक घंटी होगी। प्रत्येक गतिविधि के लिए अलग-अलग वर्ग के लिए अलग-अलग समयांतराल निर्धारित होगा। एक ही साथ सभी वर्गों के लिए एक विधा-गतिविधि जैसे खेलकूद निर्धारित नहीं होगी।

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