आधी आबादी बड़ा कमाल दिखा सकती है। बिहार की नीतीश कुमार सरकार ये बात अच्छी तरह से समझ गई है। तभी तो महिला वोटर्स को लुभाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार ने राज्य में महिलाओं को बड़ा तोहफा दिया है। नीतीश सरकार ने बसों में यात्रा करने वालीं महिला यात्रियों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। अब बसों में महिलाओं के लिए आगे की चार लाइनों वाली सीटें आरक्षित होंगी। बसों में महिला यात्रियों की सुविधा और बढ़ती संख्या को देखते हुए यह आदेश दिया गया है।

बसों में महिलाओं की बढ़ती संख्या को लेकर फैसला
परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक में ये निर्णय लिया गया। परिवहन विभाग के अपर मुख्य सचिव ने विश्वेश्वरैया भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में निर्देश दिया है कि बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (BSRTC) बसों में महिलाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए आगे की चार पंक्ति सीटें उनके लिए आरक्षित की जाएँ।
बसों में ड्राइवर-कंडक्टर की पहचान होगी सार्वजनिक
बिहार सरकार ने सार्वजनिक परिवहन को अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। अब राज्य की बसों में ड्राइवर और कंडक्टर की पहचान स्पष्ट रूप से लिखी होगी। उनके नाम बस के अंदर दर्शाए जाएंगे और यह जानकारी परिवहन विभाग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध रहेगी। साथ ही, ड्राइवर-कंडक्टर को अब खाकी रंग की वर्दी और नेम प्लेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। यात्रियों के साथ सौम्य और सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए कंडक्टरों को विशेष ट्रेनिंग भी दी जाएगी। यह कदम यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
पुरानी और जर्जर बसों की फिटनेस जांच भी अनिवार्य
यही नहीं, पुरानी और जर्जर बसों की फिटनेस जांच भी अनिवार्य कर दी गई है। रोज वाहनों के पीयूसी (प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र), फिटनेस और वाहन बीमा से संबंधित दस्तावेजों की जांच की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बसें सुरक्षित हों और यात्रियों को कोई परेशानी न हो। ओवरलोडिंग पर प्रभावी नियंत्रण के लिए सभी जिलों में दो पालियों में बैरियर लगाकर सघन जांच अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है। सभी जिला परिवहन पदाधिकारियों (डीटीओ) को ट्रैफिक सिग्नलों की जांच कर उन्हें सुव्यवस्थित करने का टास्क भी दिया गया है। बस स्टैंडों पर पीने के पानी और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।