बिहार में विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही सियासी हलचल तेज हो गई है। इस बीच जनसुराज पार्टी के संयोजक और रणनीतिकार प्रशांत किशोर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पैतृक गांव कल्याण बिगहा में प्रवेश से रोक दिया गया। पीके के नीतीश कुमार के गांव में प्रवेश पर रोक की खबर के बाद सियासी पारा चढ़ गया है। बता दें कि प्रशांत किशोर रविवार को अपने जन अभियान की शुरुआत सीएम नीतीश कुमार के पैतृक गांव कल्याण बिगहा से करने वाले थे। जनसुराज पार्टी का यह कार्यक्रम पहले से प्रचारित था, लेकिन प्रशासन ने ऐन मौके पर सुरक्षा का हवाला देते हुए वहां जनसभा या किसी भी तरह के अभियान की अनुमति नहीं दी।

जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर रविवार नीतीश सरकार के खिलाफ ‘बदलाव का हस्ताक्षर’ अभियान शुरू करने नालंदा पहुंचे। नालंदा से वो सीएम के गांव कल्याण बिगहा के लिए निकले, लेकिन वो गांव नहीं पहुंच सके। प्रशासन ने उन्हें गांव में जाने से रोक दिया।जिला प्रशासन ने भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी थी और गांव तक जाने वाले रास्तों की घेराबंदी कर दी गई थी।
कल्याण बिगहा क्यों जाना चाहते थे पीके?
प्रशासन की इस कार्रवाई के विरोध में प्रशांत किशोर ने नाराज़गी जाहिर की। उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों से तीखी बहस करते हुए कहा कि उन्हें बिना किसी लिखित आदेश के रोका जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि गांव के लोगों ने उन्हें भ्रष्टाचार और योजनाओं से वंचित होने की शिकायतें दी हैं, जिसे वे सुनना चाहते थे।
कल्याण बिगहा में हुए विकास को देखने जा रहे थे पीके
प्रशासन द्वारा कल्याण बिगहा गांव में प्रवेश से रोके जाने के बाद प्रशांत किशोर ने बिहार शरीफ में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा नालंदा बिहार के लाडले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला है। कहा जाता है कि उन्होंने नालंदा में बहुत विकास कार्य किए हैं। हम उन्हीं के विकास कार्य को देखने उनके गांव कल्याण बिगहा जा रहे थे लेकिन पुलिस ने हमें उनके गांव में घुसने नहीं दिया। ऐसा इसलिए क्योंकि जब हम उनके गांव जा रहे थे तो रास्ते में मिले लोगों ने बताया कि पूरे बिहार में बहुत भ्रष्टाचार है।
पीके की आम जनता से खास अपील
इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में अधिकारी और नेता राशन कार्ड बनाने से लेकर जमीन की रसीद कटाने तक के लिए रिश्वत ले रहे हैं, जिससे आम लोग परेशान हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि अगली बार वोट लालू, नीतीश और मोदी के चेहरे पर नहीं अपने बच्चों के चेहरे को देखकर दें। उन्होंने बिहार शरीफ की जनता से कहा कि उन्हें और उनके बच्चों को लूटने वाले नेताओं को वोट न दें। अगली बार अपने बच्चों के लिए वोट दें और बिहार में जनता का राज स्थापित करें।
प्रशासन ने बताई सख्ती की वजह
बता दें कि प्रशांत किशोर के कार्यक्रम से पहले ही कल्याण बिगहा गांव की ओर जाने वाले रास्तों पर बैरिकेडिंग कर दी गई थी। आसपास के इलाकों में तीन थानों की पुलिस, सीओ, एसडीएम, और अन्य अधिकारी मौके पर तैनात कर दिए गए थे। नालंदा जिला प्रशासन ने इस पूरे मामले पर आधिकारिक बयान जारी किया है। प्रशासन के अनुसार, जनसुराज पार्टी को 18 मई 2025 को बिहार शरीफ स्थित श्रम कल्याण मैदान में जनसभा आयोजित करने की अनुमति दी गई थी। लेकिन पार्टी ने अनुमति स्थल को छोड़कर अन्य जगहों, विशेषकर कल्याण बीघा में अभियान चलाने की कोशिश की, जो स्पष्ट रूप से अनुमति की शर्तों का उल्लंघन है। प्रशासन की इस सख्ती को लेकर जनसुराज के समर्थकों में नाराज़गी देखी गई।