बिहार के अरवल में पुलिस बर्बरता से जुड़े एक गंभीर मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। मनीष कुमार पांडेय की अदालत ने डीएसपी कृति कमल और करपी थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। यह सख्त कदम आरोपी पुलिस अधिकारियों की न्यायालय में लगातार गैर-हाजिरी और लापरवाही को देखते हुए उठाया गया है।

कोर्ट में उपस्थित न होने पर कठोर आदेश
दरअसल, पहले भी अदालत ने डीएसपी कृति कमल और अन्य पुलिसकर्मियों को गैर-जमानती धाराओं के तहत समन और जमानती वारंट जारी किया था। इसके बावजूद आरोपियों ने न्यायालय में अपनी उपस्थिति नहीं दी। इस पर अदालत ने अगला कानूनी कदम उठाते हुए अजमानतीय वारंट जारी किया।
क्या है मामला?
पूरा मामला साल 2024 का है। मामला अरवल के करपी थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। प्रदेश राजद सचिव रामाशीष सिंह रंजन और जिला मुखिया संघ अध्यक्ष अभिषेक रंजन की बहू तनीषा सिंह ने कोर्ट में एक परिवाद दायर किया था। उन्होंने डीएसपी कृति कमल, करपी थानाध्यक्ष उमेश राम, राघव कुमार झा, प्रीति कुमारी और रोहित कुमार सहित अन्य पुलिसकर्मियों पर आपराधिक साजिश, महिला के साथ बदसलूकी, मारपीट और गंभीर चोट पहुँचाने जैसे अमानवीय कृत्य करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। तनीषा सिंह का कहना है कि पुलिस अधिकारियों ने पद का दुरुपयोग करते हुए उसके साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार किया।
एसपी ने क्या कहा?
अरवल एसपी मनीष कुमार ने बताया कि अदालत से डीएसपी कृति कमल और अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ नॉन-बेलेबल वारंट (एनबीडब्ल्यू) निर्गत हुआ है। फिलहाल संबंधित अधिकारी छुट्टी पर हैं और उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। एसपी ने कहा कि विधिसम्मत आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

