बिहार में प्रमाण पत्र के लिए आ रहे फर्जी आवेदनों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। कभी कुत्ता, कभी कौआ, फिर भोजपुरी एक्ट्रेस मोनालिसा, उसके बाद भगवान राम और माता सीता तक के नाम पर आवास प्रमाणपत्र के आवेदन आ चुके हैं। इस कड़ी में अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम भी शामिल हो गया है। जालसाजों ने सीएम नीतीश कुमार का गलत आवासीय प्रमाण पत्र बनवाने की कोशिश की। इस मामले में एफआईआर दर्ज कर पुलिस जांच में जुट गई है।

राजस्व अधिकारी ने दर्ज कराई प्राथमिकी
मुजफ्फरपुर के सरैया में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर और नाम का इस्तेमाल कर फर्जी आवासीय प्रमाणपत्र बनवाने की साजिश का खुलासा हुआ है। मुजफ्फरपुर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर के साथ फर्जी आवासीय बनाने के लिए ऑनलाइन आवेदन आया। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब आवेदन का सत्यापन मुजफ्फरपुर के सरैया अंचल में तैनात राजस्व अधिकारी अभिषेक सिंह कर रहे थे। जैसे ही आवेदन में दी गई तस्वीर को देखा, उनके होश उड़ गए और तुरंत थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई।
आवेदक की जगह सीएम नीतीश की तस्वीर
राजस्व अधिकारी अभिषेक सिंह ने एफआईआर में कहा है कि 29 जुलाई को ऑनलाइन आवासीय प्रमाण पत्र को पूरा कर रहा था। इस क्रम में पाया कि एक आवेदन मुख्यमंत्री नीतीश कुमारी, पिता लखन पासवान, माता लकिया देवी के नाम का है। आवेदन में आवेदक की तस्वीर की जगह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर लगी हुई थी। आवेदन देखकर इसकी जांच शुरू की। जांच के क्रम में पाया गया कि अज्ञात व्यक्ति ने मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल करने और प्रशासनिक काम के सवालों के घेरे में लाने के लिए इस तरह का आवेदन किया गया है।
पहले भी हुई है फर्जीवाड़ा की कोशिश
यह पहला मौका नहीं है जब बिहार में आवासीय प्रमाण पत्र को लेकर फर्जीवाड़ा करने की कोशिश की गई है। कुछ ही दिन पहले पटना में एक कुत्ते के नाम से फर्जी प्रमाण पत्र का आवेदन आया था। वहीं, मोतिहारी में भोजपुरी अभिनेत्री मोनालिसा की तस्वीर लगाकर ट्रैक्टर के नाम पर आवेदन जमा किया गया, जबकि नवादा में ‘डोगेश बाबू’ नामक काल्पनिक व्यक्ति के लिए आवासीय प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया। सभी मामलों में प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज की और कुछ मामलों में संबंधित कर्मचारियों को निलंबित या जेल भेजा गया।