सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर बिहार में अपनी राजनीतिक जमीन तैयार करने में जुटे हैं। इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में जोरदार एंट्री के लिए प्रशांत किशोर खूब पसीना बहा रहे हैं। इसको लेकर वो प्रदेश में घूम-घूमकर जनता से संवाद कर रहे हैं। सोमवार को अपनी बिहार बदलाव यात्रा के दौरान प्रशांत किशोर पूर्णिया के दमदाहा पहुंचे। इस दौरान उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी को हैदराबाद में राजनीति करने की सलाह दी। पीके ने साफ कहा कि बिहार को हैदराबाद से नेताओं की जरूरत नहीं है।

हैदराबाद से नेता इंपोर्ट करने की जरूरत नहीं- प्रशांत किशोर
पूर्णिया के दमदाहा में पत्रकारों ने एआईएमआईएम के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी को लेकर सवाल किया तो प्रशांत किशोर ने साफ तौर पर कहा कि ओवैसी का बिहार चुनाव में कोई रोल नहीं है। वे हैदराबाद की राजनीति करते हैं। बिहार के बारे में सोचने के लिए यहां बहुत लोग हैं। हैदराबाद से नेता इंपोर्ट करने की जरूरत नहीं है।
ओवैसी बिहार में कोई फैक्टर नहीं- प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि ओवैसी अपने तरह की राजनीति करते हैं। जहां चुनाव होता है वहां जाते हैं अपना टेंट-तंबू लगाते हैं। चुनाव लड़ते हैं। बिहार के नजरिए से ओवैसी साहब का कोई बहुत बड़ा रोल नहीं है। पीके ने आगे कहा कि अगर वे इंडिया गठबंधन में शामिल होना चाहते हैं तो यह उनकी और गठबंधन की मर्जी पर है, लेकिन हमारे लिए ओवैसी बिहार में कोई फैक्टर नहीं हैं।
बिहार में थर्ड फ्रंट की संभावना को झटका
प्रशांत किशोर का यह बयान तब आया जब ओवैसी की अगुवाई वाली एआईएमआईएम महागठबंधन में शामिल होने की कोशिश कर रही थी। बता दें कि ओवैसी ने हाल ही में लालू यादव को पत्र लिखकर महागठबंधन की पेशकश की थी, लेकिन जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने 45 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बनाई और कहा कि वह बिहार में तीसरे मोर्चा बनाने के लिए प्रयास करेंगे। लेकिन, प्रशांत किशोर के इस बयान के बाद बिहार में थर्ड फ्रंट की संभावना को कमजोर हो गई है।