बीजेपी के ‘चाणक्य’ और देश के गृह मंत्री अमित शाह गुरूवार यानी 18 सितंबर को बिहार आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ताबड़तोड़ दौरे के बाद अमित शाह का बिहार आना एनडीए के लिए महत्वपूर्ण है। अमित शाह बिहार चुनाव में उस इलाके में रणनीति बनाएंगे, जो एनडीए की सबसे कमजोर कड़ी है। शाह की बैठक में चुनावी रणनीति तो वैसे दक्षिण-पूर्व बिहार के संदर्भ में बनेगी, लेकिन शाहाबाद और मगध पर विशेषकर फोकस होगा।

देश के गृह मंत्री के रूप में नहीं, बल्कि भाजपा के रणनीतिकार के रूप में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले उनका यह पहला दौरा है। चर्चा हो रही है कि वह आ रहे हैं तो सीट बंटवारे पर भी बात करेंगे और पार्टी के प्रत्याशियों को भी उम्मीद देकर जाएंगे। लेकिन, हकीकत यह नहीं है। वह इस महीने दो बार बिहार आ रहे हैं। आज वह आएंगे और कल आधे बिहार को टारगेट करेंगे और 10 दिन बाद फिर दूसरे आधे हिस्से को। 20 संगठन जिलों के भाजपा नेताओं से वह कल बात करेंगे। फिर बाकी जिलों से 27 सितंबर को।
सासाराम और बेगूसराय का दौरा
अमित शाह आज पटना आएंगे और कल दो जिलों- सासाराम और बेगूसराय का दौरा करेंगे। गुरुवार को पहले डेहरी-आन-सोन और उसके बाद बेगूसराय में बैठक कर चुनावी रणनीति बनाएंगे। शाह की बैठक में चुनावी रणनीति तो वैसे दक्षिण-पूर्व बिहार के संदर्भ में बनेगी, लेकिन शाहाबाद और मगध पर विशेषकर फोकस होगा।
दोनों बैठकों में 10-10 संगठनात्मक जिलों पर मंथन
सासाराम के डेहरी-ऑन-सोन के ललन सिंह स्टेडियम में वह रोहतास, कैमूर, बक्सर, भोजपुर, पूर्वी गया, पश्चिमी गया, जहानाबाद, अरवल, नवादा और औरंगाबाद के भाजपा नेताओं से बात करेंगे। इन इलाकों के सांसद, विधायक, विधान पार्षदों के अलावा पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों को इस बैठक में बुलाया गया है। दूसरी बैठक बेगूसराय के रिफाइनरी टाउनशिप खेल मैदान में होगी। इसमें बेगूसराय के साथ ही पटना महानगर, पटना ग्रामीण, बाढ़ पटना, नालंदा, शेखपुरा, मुंगेर, जमुई, लखीसराय और खगड़िया के भाजपा नेताओं से बात करेंगे।
मगध-शाहाबाद बीजेपी की कमजोर कड़ी
सीमांचल एक कोना मगध है तो दूसरा शाहाबाद। बिहार के इन दोनों कोने में भाजपा अपेक्षाकृत कमजोर है। पिछली बार तो चार जिलों वाले शाहाबाद के कैमूर, बक्सर और रोहतास जिला में भाजपा क्या एनडीए का खाता तक नहीं खुला था। एकमात्र भोजपुर जिला में भाजपा को दो सीटें मिली थीं। चार जिलों वाले सीमांचल के किशनगंज में भी एनडीए खाली हाथ रहा था।
बीजेपी विधायकों की परफॉर्मेंस भी करेंगे चेक
शाह अपने दौरे पर बीजेपी विधायकों की परफॉर्मेंस चेक करने वाले हैं। इसमें विधायकों की जनसंपर्क क्षमता, क्षेत्र में पकड़, संगठन के साथ तालमेल और जनता में छवि का आंकलन किया जाएगा। पार्टी का इस बार पार्टी का सबसे ज्यादा फोकस उन सीटों पर है, जहां पिछली बार कुछ वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। इस बार वहां पर नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है। पार्टी के इंटरनल सर्वे में जिन विधायकों का प्रदर्शन खराब निकलेगा, उनका टिकट भी कट सकता है।