बिहार पुलिस की सख्ती : ओवरलोड ऑटो-बस पर मुकदमा, ई-रिक्शा से स्कूली बच्चों के ढोने पर भी रोक

KK Sagar
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बिहार में सड़क सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। ऑटो, ई-रिक्शा और बस से हो रही सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए अब वाहन चालकों के साथ-साथ वाहन मालिकों पर भी सख्त कार्रवाई होगी।

ओवरलोड वाहनों पर होगी कड़ी सजा

अपर पुलिस महानिदेशक (यातायात) सुधांशु कुमार ने प्रेस वार्ता में बताया कि राज्य में ओवरलोड ऑटो और बसों से होने वाली दुर्घटनाओं के मामलों में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 105 के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर 10 वर्ष तक का कारावास और जुर्माना का प्रावधान है।

हाईवे पर तैनात होंगे पेट्रोलिंग वाहन

सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग गश्ती योजना लागू की गई है। इसके तहत लगभग 3000 किमी दूरी को कवर करते हुए 61 हाईवे पेट्रोलिंग वाहन (HPV) तैनात किए गए हैं। सभी वाहनों में GPS ट्रैकिंग और जियो-फेंसिंग की व्यवस्था की गई है।

2030 तक सड़क हादसों में 50% कमी का लक्ष्य

एडीजी ने बताया कि वर्ष 2030 तक सड़क हादसों में 50 प्रतिशत कमी लाने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए Persuasive Enforcement रणनीति अपनाई जाएगी।

नाबालिग और अनफिट चालकों पर कार्रवाई

एडीजी ने चेतावनी दी कि अनफिट बस चालकों और नाबालिगों द्वारा ऑटो या ई-रिक्शा चलाए जाने पर भी कड़ी कार्रवाई होगी। मालवाहक वाहनों से यात्रियों को ढोने के मामलों में भी अब बख्शा नहीं जाएगा।

ई-रिक्शा से स्कूली बच्चों का परिवहन पूरी तरह प्रतिबंधित

एडीजी ने साफ कहा कि ई-रिक्शा से स्कूली बच्चों का परिवहन पहले से ही प्रतिबंधित है और इसका सख्ती से पालन कराया जाएगा।

जनता और चालकों से अपील

सुधांशु कुमार ने ऑटो चालकों से अपील की कि वे ओवरलोड वाहन न चलाएं और राष्ट्रीय राजमार्ग पर ऑटो का संचालन करने से बचें। साथ ही आम लोगों से भी अपील की कि वे ओवरलोड वाहनों पर यात्रा करने से परहेज करें और गलत वाहन चालकों के खिलाफ आवाज उठाएं।

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