वक्फ कानून को लेकर चुनाव से पहले बिहार का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। हाल ही में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव के दावा किया कि बिहार में विपक्षी महागठबंधन सत्ता में आने पर वक्फ अधिनियम को कूड़ेदान में डाल दिया जाएगा। जिसके बाद बीजेपी ने वक्फ अधिनियम पर उनकी टिप्पणी को लेकर तेजस्वी यादव पर तीखा हमला किया। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने तेजस्वी को मौलाना तक बता दिया। जिसका तेजस्वी ने जवाब दिया है।

तेजस्वी ने बताया मौलाना का मतलब
आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार और बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि वे धर्म नहीं, कर्म की राजनीति में विश्वास रखते हैं। साथ ही उन्होंने बीजेपी के प्रवक्ताओं की ओर से लगाए गए आरोपों का भी मंच से जवाब दिया। कहा, लगातार दिल्ली में बीजेपी के चिरकुट सब…संघी वाले, दो दिन से हमको गाली दे रहे हैं। कभी ‘नमाजवादी’ कह रहे हैं कभी ‘मौलाना’ कह रहे हैं। तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि ऐसे लोगों के लिए हमारे प्रवक्ता ही काफी हैं। मुझे मौलाना बोल रहे हैं, इसका मतलब तो विद्वान होता है।
गौरव भाटिया ने तेजस्वी को बताया मौलाना
तेजस्वी यादव के बयान के बाद बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने बीते मंगलवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा, तेजस्वी यादव इस देश को इस्लामिक मुल्क बनाना चाहते हैं। ये शरिया कानून लागू करना चाहते हैं। मौलाना तेजस्वी यादव संविधान को जानते नहीं हैं। आरजेडी बिहार में अगले 50 साल सत्ता में आने वाली नहीं है। हमारे लिए अंबेडकर जी पूजनीय हैं। तेजस्वी यादव और लालू यादव सांप्रदायिक राजनीति करते हैं। हिंदू और मुस्लिम राजनीति कर रहे हैं।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
पूरे विवाद की शुरुआत बीते रविवार को उस वक्त हुई जब तेजस्वी यादव ने पटना के गांधी मैदान में आयोजित ‘वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ’ रैली को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार की ओर से लागू वक्फ कानून पर तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा कि बिहार में मौजूदा सरकार सत्ता से बाहर होने की राह पर है। अगर राज्य में विपक्षी दलों की सरकार बनती है तो वक्फ कानून को कूड़ेदान में फेंक देंगे।

