पार्टी और परिवार से निकाले जाने के बाद लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव अपनी राजनीतिक गतिविधियां बढ़ते नजर आ रहे हैं। पहले समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से वीडियो कॉल पर बात उसके बाद जनता दरबार लगाने का ऐलान। आरजेडी नेता और हसनपुर से विधायक तेज प्रताप ने जनता दरबार लगाने का ऐलान किया है।वह पटना में अपने सरकारी आवास पर जनता दरबार लगाएंगे। जनता की समस्याओं को सुनेंगे और उसका समाधान करेंगे। चुनावी वर्ष में यह उनका बड़ा कदम माना जा रहा है। हालांकि, सवाल उठ रहे हैं कि आखिर तेज प्रताप जनता दरबार लगाने के पीछे मंशा क्या है? वे किसे चुनौती देना चाह रहे हैं?

तेज प्रताप ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर जनता दरबार शुरू करने की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, जनता का दरबार, जनसमस्याओं का सीधा समाधान,आपके बीच, आपकी आवाज़ बनने के लिए तत्पर, आइए साथ मिलकर रचें बिहार का नया अध्याय, सदैव आपके साथ, सदैव बिहार के साथ.. सोमवार दिनांक 30 जून से 26 एम स्ट्रेड रोड स्थित मेरे आवास पर जनता दरबार शाम 6 से 8 बजे तक होगा।
नीतीश सरकार को चुनौती?
तेज प्रताप का जनता दरबार अगर आयोजित होता है तो बिहार में सत्ता से इतर यह पहला प्रयोग होगा। अभी तक जनता दरबार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगाते रहे हैं। ऐसे में तेज प्रताप यादव अब सत्ता को भी चुनौती देते प्रतीत हो रहे।
अखिलेश यादव से वीडियो कॉल पर बात
इससे पहले तेज प्रताप ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की। उसके बाद अपने सोशल मीडिया पर लिखा, बिहार के राजनीतिक हालातों पर चर्चा हुई। अखिलेश जी हमेशा से ही मेरे दिल के काफी करीब रहे है और आज जब मेरा हालचाल लेने के लिए उनका अचानक से कॉल आया तो ऐसा लगा जैसे मैं अपने इस लड़ाई में अकेला नही हूं। सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं?
परिवार और पार्टी से निलंबित
पिछले दिनों तेजप्रताप ने लालू परिवार की किरकिरी कराई थी। तब तेज प्रताप ने एक्स पर अपने 12 वर्ष पुराने रिलेशनशिप को सार्वजनिक किया था। उसके बाद लालू प्रसाद ने उन्हें परिवार के साथ पार्टी से निलंबित कर दिया था। इसके बाद से लगातार तेज प्रताप सुर्खियों में बने हुए हैं।