बिहार विधानसभा चुनाव के पहले ही केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह के एक बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। उन्होंने मुसलमानों को ‘नमक हराम’ कहा और यह साफ कर दिया कि ऐसे वोट उन्हें नहीं चाहिए। गिरिराज सिंह के इस बयान के बाद सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस हमलावर है, उसने कहा कि उन्हें मानसिक रूप से अस्वस्थ घोषित कर देना चाहिए।

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मुस्लिम वोटर को लेकर बड़ा बयान दे दिया है। गिरिराज सिंह ने कहा है कि मुसलमान सभी केंद्रीय योजनाओं का लाभ उठाते हैं, लेकिन हमें वोट नहीं देते। अरवल जिले में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि मोदी सरकार समाज के हर वर्ग के लिए काम करती है, लेकिन मुस्लिम समुदाय अक्सर इसका उपकार नहीं मानता।
गिरिराज सिंह ने किया मौलवी के साथ बातचीत का जिक्र
गिरिराज सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने आयुष्मान योजना और अन्य लाभकारी योजनाओं के जरिए समाज के हर वर्ग को सुविधा दी है, लेकिन मुस्लिम समुदाय ने इसका समर्थन नहीं किया। उन्होंने एक मौलवी के साथ बातचीत का जिक्र किया। गिरिराज सिंह ने कहा, आयुष्मान कार्ड मिला। कहा हां मिला। इसमें कहीं हिंदू-मुसलमान हुआ? कहा- नहीं हुआ। हमने कहा- बड़ा अच्छा हुआ। फिर हमने पूछा- आपने हमको वोट दिया था। कहा हां दिया था। हमने कहा खुदा का नाम लेकर बोलिए तो तो कहा- ‘नहीं दिया था’। हमने कहा- नरेंद्र मोदी ने गाली दिया था, इसपर कहा- ‘नहीं’। मैंने कहा तो मेरी गलती क्या थी। जो किसी के उपकार को ना उपकार माने उसको क्या बोलते हैं? इसपर भीड़ से आवाज उठी- उसे नमक हराम कहते हैं। फिर मैंने कहा-मौलवी साहब मुझे नमक हरामों का वोट नहीं चाहिए।
बयान पर मचे बवाल पर क्या बोले गिरिराज?
गिरिराज के बयान पर मचे बवाल के बाद अब उनकी सफाई भी सामने आई है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि उनके धर्म में हराम खाना गलत है। इस्लाम कहता है कि मुफ़्त खाना हराम है। क्या वे 5 किलो राशन नहीं ले रहे हैं? क्या हिंदुओं और मुसलमानों दोनों को प्रधानमंत्री आवास नहीं मिला? क्या हिंदुओं और मुसलमानों दोनों को शौचालय नहीं मिले? क्या नल-जल योजना, गैस सिलेंडर या 5 किलो राशन में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच कोई भेदभाव था?
बुर्का प्रथा को लेकर क्या बोले गिरिराज?
गिरिराज ने आगे कहा, मैं उन लोगों से पूछना चाहता हूं, खासकर के हाय तौबा करते हैं। आप इतने क्यों चिंतित हैं। उन्होंने बुर्का प्रथा को लेकर कहा कि किसी धर्म के हिसाब से भारत का कानून नहीं चलेगा। बल्कि कानून जो कहेगी उस हिसाब से भारत का मतदान भी होगा। उन्होंने बुर्का प्रथा को लेकर कहा कि किसी धर्म के हिसाब से भारत का कानून नहीं चलेगा। बल्कि कानून जो कहेगी उस हिसाब से भारत का मतदान भी होगा।
पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान
गिरिराज सिंह का यह पहला विवादित बयान नहीं है। इससे पहले वे कई बार अल्पसंख्यक समुदाय को लेकर उकसाने वाले बयान दे चुके हैं। कभी उन्होंने कहा कि जो भारत में रहना चाहता है, उसे वंदे मातरम् कहना होगा, तो कभी यह कहा कि जो मोदी का विरोध करता है, उसे पाकिस्तान भेज देना चाहिए।

