Bihar:बाबा साहेब की तस्वीर को लेकर पीएम मोदी ने लालू प्रसाद यादव को घेरा, बोले- बिहार इसे याद रखेगा

Neelam
By Neelam
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के सिवान में एक रैली को संबोधित किया। एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एनडीए सरकार में हुए कार्यों को गिनाया तो दूसरी तरफ अपने संबोधन के दौरान कई बार जंगलराज शब्द का प्रयोग और कांग्रेस-राजद पर जमकर हमला बोला। साथ ही आरजेडी सु्प्रीमो लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि आरजेडी वालों ने बाबा साहेब के साथ कैसा व्यवहार किया सबने देखा। बिहार के लोग इस अपमान को कभी नहीं भूल सकते।

कदम-कदम पर बाबा साहेब का अपमान-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि हमलोग कहते हैं सबका साथ और सबका विकास लेकिन लालटेन और पंजे वाले कहते हैं परिवार का साथ और परिवार का विकास। इनकी राजनीति कुल जमापूंजी यही है कि अपने-अपने परिवारों के हित के लिए यह करोड़ों परिवारों का अहित करने से नहीं चूंकते हैं। बाबा साहेब आंबेडकर भी इस प्रकार की राजनीतिक के खिलाफ थे। इसलिए यह लोग कदम-कदम पर बाबा साहेब का अपमान करते हैं।

खुद को बाबा साहेब से भी बड़ा दिखना चाहते हैं-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि अभी देश ने देखा कि किस तरह से राजद वालों ने बाबा साहेब का अपमान किया। राजद वालों ने बाबा साहेब की तस्वीर के साथ क्या किया? यह सबने देखा है। पीएम मोदी ने कहा कि बिहार में पोस्टर लगे हैं कि बाबा साहेब के अपमान पर माफी मांगों। लेकिन, यह लोग माफी नहीं मांगेंगे। क्योंकि इनके मन में दलित, महादलित, पिछड़ों और अतिपिछड़े के लिए कोई सम्मान नहीं है। राजद और कांग्रेस वाले बाबा साहेब की तस्वीर को अपने पैरों में रखते है। लेकिन, मोदी बाबा साहेब को अपने दिल में रखता है। बाबा साहेब का अपमान कर वह लोग खुद को बाबा साहेब से भी बड़ा दिखना चाहते हैं। बिहार के लोग बाबा साहेब का अपमान कभी नहीं भूलेंगे। बिहारवासी इस अपमान को हमेशा याद रखेंगे

क्या है बाबा साहेब अपमान विवाद

ये विवाद 11 जून का है। सारा विवाद लालू प्रसाद यादव के जन्मदिन के कार्यक्रम के समय शुरू हुआ। जब एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें उनकी पार्टी का एक कार्यकर्ता डॉ. भीमराव आंबेडकर की तस्वीर को लालू के पैरों के पास रखता दिखाई दे रहा था। इसे भाजपा समेत अन्य दलों ने आंबेडकर के अपमान के रूप में लिया और राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया। विवाद यहीं नहीं रुका बल्कि राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने लालू प्रसाद यादव को नोटिस भी भेजा। जिसमें उनसे 15 दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है अन्यथा एफआईआर की चेतावनी दी है।

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