Bihar: जगमग होगा बिहार:कजरा सोलर प्लांट बनकर तैयार, 2 करोड़ से अधिक लोगों मिलेगी सस्ती बिजली

Neelam
By Neelam
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नए साल में बिहार के लोगों को बड़ा तोहफा मिलने वाला है। नए साल में बिहार के लोगों को सस्ती बिजली की सौगात मिलने जा रही है। दरअसल, कजरा सोलर पावर प्लांट बनकर तैयार हो गया है और फरवरी से बिजली आपूर्ति भी शुरू हो जाएगी।

बिहार के लखीसराय में कजरा सोलर पावर प्लांट बनकर पूरी तरह तैयार हो गया है। प्लांट से ग्रिड में बिजली भेजने के लिए 132 केवी की नयी ट्रांसमिशन लाइन तैयार की गयी है, जबकि बिजली के सुरक्षित और स्थिर प्रवाह के लिए 100 मेगावाट क्षमता का 33/132 केवी ट्रांसफॉर्मर लगाया गया है। कजरा सोलर पावर प्लांट से अब बिजली उत्पादन और आपूर्ति फरवरी से पूरी तरह शुरू हो जाएगी।

सस्ती दर से उपलब्ध होगी बिजली

इस प्लांट से उत्पादित बिजली को सबसे पहले साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी खरीदेगी। शुरुआती तौर पर यह बिजली लगभग 4.60 रुपये प्रति यूनिट की दर से उपलब्ध कराई जाएगी, जो मौजूदा दरों की तुलना में काफी सस्ती मानी जा रही है।

हर साल कम होगी बिजली दर

कजरा सोलर पावर प्लांट से मिलने वाली बिजली की दर हर साल घटती जाएगी। पावर जेनरेशन कंपनी के अनुसार, पहले वर्ष बिजली की दर 4.60 रुपये प्रति यूनिट होगी, दूसरे वर्ष यह घटकर 4.30 रुपये प्रति यूनिट हो जाएगी। तीसरे वर्ष 4.03 रुपये, पांचवें वर्ष 3.54 रुपये और दसवें वर्ष में यह दर घटकर 2.56 रुपये प्रति यूनिट रह जाएगी। इसके बाद 15वें वर्ष में बिजली की दर 1.29 रुपये, 20वें वर्ष में 87 पैसे और 25वें वर्ष में केवल 65 पैसे प्रति यूनिट हो जाएगी।

देश की सबसे बड़ी बैटरी स्टोरेज आधारित परियोजना

कजरा सोलर पावर प्लांट से दिन के समय नियमित सौर बिजली उपलब्ध होगी। साथ ही बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली से पीक आवर में चार से पांच घंटे अतिरिक्त बिजली मिल सकेगी। इसके साथ ही यह परियोजना इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह देश की सबसे बड़ी बैटरी स्टोरेज आधारित सौर परियोजनाओं में शामिल है। बैटरी भंडारण की सुविधा होने से सौर ऊर्जा का बेहतर उपयोग संभव हो सकेगा।

पूरी तरह ग्रीन एनर्जी होगी

यही नहीं, बढ़ते प्रदूषण के दौरान में कजरा सोलर पावर प्लांट से मिलने वाली बिजली पूरी तरह ग्रीन एनर्जी होगी, जिससे कोयला और अन्य जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता घटेगी। इससे कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य हानिकारक गैसों का उत्सर्जन नहीं होगा, जो पर्यावरण संरक्षण और जलवायु संतुलन के लिहाज से महत्वपूर्ण है।

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