लखनऊ: यूपी के कार्यवाहक डीजीपी बनने वाले आईपीएस प्रशांत कुमार 1990 बैच के अफसर हैं, और वे बिहार के रहने वाले हैं। प्रशांत कुमार अभी तक डीजीपी लॉ एंड ऑर्डर थे, और उन्हें यूपी के नए कार्यवाहक डीजीपी का पद सौंपा गया है। उनकी पत्नी डिंपल वर्मा भी आईएएस अधिकारी हैं।प्रशांत कुमार ने सीएम योगी से मुलाकात की और उन्हें धन्यवाद दिया। उन्हें वीरता के लिए चार बार राष्ट्रपति का पुलिस पदक प्राप्त मिल चुका है। उन्हें 2017 में मेरठ में हुई एक साहसिक मुठभेड़ के मामले में भी वीरता पदक प्राप्त दिया गया था।प्रशांत कुमार का कार्यक्षेत्र यूपी में बहुत हैरानी का सामना कर रहा है, उन्होंने सूत्रों के मुताबिक 300 एनकाउंटर किए हैं और उन्हें ‘यूपी पुलिस का सिंघम’ कहा जाता है, उनके योगदान से यूपी में अपराधियों और माफियाओं का खत्म हुआ है। प्रशांत कुमार के पिता का नाम ललन प्रसाद है और वे बिहार के सिवान जिले के रहने वाले हैं। उनकी पत्नी डिंपल वर्मा भी आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में उनका कार्य रेरा में है।

प्रशांत कुमार ने वर्ष 2017 में मेरठ में हुई एक साहसिक मुठभेड़ के मामले में वीरता पदक प्राप्त किया था। उनके एडीजी जोन मेरठ के पदक पर नियुक्ति के दौरान, उन्हें उच्च कोटि का सम्मान स्थापित किया गया था। उन्हें वीरता के लिए चार बार राष्ट्रपति का पुलिस पदक प्राप्त हो चुका है, जिसमें 2020, 2021, 2022, और 2023 शामिल हैं। उन्हें उनके साहसिक कार्यों के लिए वीरता पदक दिया गया है, जैसे कि 2017 में मेरठ में हुई मुठभेड़ के मामले में।प्रशांत कुमार के एडीजी जोन मेरठ के पदक पर नियुक्ति के दौरान, 6 जुलाई 2017 को, दिल्ली में स्थित प्रीत विहार के मेट्रो हार्ट एवं कैंसर हॉस्पिटल के चिकित्सक डॉक्टर श्रीकांत गौड़ को अपहरण किया गया था। इस खबर के बाद, तत्कालीन एडीजी जॉन प्रशांत कुमार एसएसपी मेरठ मंजिल सैनी द्वारा दिल्ली पुलिस की टीम के साथ उन्हें उच्च कोटि का सम्मान स्थापित किया गया। इसके बाद, 19 जुलाई 2017 को, जब मेरठ कावड़ मेला पूरे सभा पर था, तब एक साहसिक मुठभेड़ के बाद डॉक्टर श्रीकांत गौड़ को सकुशल बरामद किया गया साथ ही फिरौती मांगने वाले चार अपहरणकर्ताओं को मौके से गिरफ्तार किया गया। उनके कब्जे से एक अवैध पिस्तौल, एक पौनिया राइफल, तथा प्रयुक्त और जीवित कारतूस बरामद हुए थे।