देश: 22 जनवरी को होने वाले रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर देश में सियासत छिड़ गई है।
राम मंदिर समारोह में कांग्रेस नेताओं के शामिल न होने पर भाजपा ने नाराजगी जाहिर करते हुए गुरुवार को भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा कि आपको (कांग्रेस) राम मंदिर उद्घाटन में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा गया, लेकिन चंद कट्टरपंथी वोटों के लिए आपने निमंत्रण ठुकरा दिया।
भाजपा नेता ने आगे कहा कि आप अपने को बदलकर दिखा सकते थे, आपने ऐसा नहीं किया। यह नेहरू का कांग्रेस है। यह महात्मा गांधी का कांग्रेस नहीं है। गांधी की समाधि पर लिखा है हे राम। इन्होंने इस अवसर को अपने हाथ से गंवाया है।
सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा कि कांग्रेस ने हिंदू धर्म के विरोध दर्शााया है। चंद कट्टरपंथी विचारधारा वोटों की वजह से कांग्रेस ने यह फैसला लिया है।राम नाम कड़वा लगे और प्यारा लगे राम तो। दुविधा में दोनो गए, माया मिली न राम।
इसके अलावा भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा समाप्त हो चुकी है। आपको न्योता भेजा गया था। आपको सद्बुद्धि आई होती तो उनका पाप धुल जाता।
सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा कि कांग्रेस ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया। कांग्रेस ने जी20 शिखर सम्मेलन का बहिष्कार किया। 2004 के बाद 2009 तक, कांग्रेस ने कारगिल विजय दिवस का बहिष्कार किया। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के नेतृत्व में मई 1998 में किए गए पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद कांग्रेस ने 10 दिनों तक कोई बयान नहीं दिया। कांग्रेस ने अपनी पार्टी के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के भारत रत्न समारोह का भी बहिष्कार किया था। जनता भी उनका सत्ता से बहिष्कार कर रही है।