मिरर मीडिया : BPL कोटा के तहत नामांकन का मामला अब ऐसे मोड़ पर आ गई है कि जहाँ एक तरफ धनबाद जिला शिक्षा अधीक्षक और दूसरी तरफ अभिभावक महासंघ के बीच जंग है। आरोप प्रत्यारोप लगाते हुए मामला थाने तक पहुँच गया है। बता दें कि कैंप में अनियमितता का जहाँ अभिभावक महासंघ ने आरोप लगाया है वहीं भाजपा की नेत्री रीता प्रसाद ने DSE की उपस्थिति में अपने ऊपर अभद्रता का आरोप लगाया है। वहीं उन्होंने इस बाबत राष्ट्रीय महिला आयोग से भी शिकायत की है जबकि अब भी मामला शांत होता नहीं दिख रहा है।
मामले में रीता प्रसाद ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को पत्र लिखा है जिसके अनुसार धनबाद जिला शिक्षा अधीक्षक सह नोडल पदाधिकारी, आरटीई, भूतनाथ रजवार, गौतम कुमार साहू, क्षेत्र पदाधिकारी, बाघमारा, धनबाद, मनोज रवानी, संचिका लिपिक, बिराज दास, सीआरपी, धनबाद के द्वारा पद का दुरूपयोग कर अनुसूचित जाति को उनके अधिकार से वंचित करने का आरोप लगाते हुए सम्बंधित पर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने पत्र के माध्यम से DSE भूतनाथ रजवार के नेतृत्व में गठित 4 सदस्य जांच कमेटी के द्वारा सीआरपी ब्रिजदास एवं संजय रजक सीआरपी के सहयोग से BPL कोटे के तहत DAV पब्लिक स्कूल कोयलानगर धनबाद में नामांकन में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा का आरोप लगाया है।
40 अभ्यर्थियों के चुनाव में अनुसूचित जाती के नाम पर पिछड़े वर्ग या अन्य परिवार के बच्चों का चुनाव करने का आरोप है। उन्होंने सही मायने में अनुसूचित जाति को हक़ दिलाने व उन्हें उनके अधिकार से वंचित करने को लेकर अविलम्ब आवश्यक कार्रवाई की मांग की है। हालांकि BPL कोटा के तहत नामांकन प्रक्रिया में गड़बड़झाला का मामला लगातार उठते आया है इस पर अभिभावक सहित झारखंड अभिभावक महासंघ ने भी लगातार आवाज़ उठाई है। अब चुकी मामला काफ़ी ऊपर तक चला गया है। अतः अब यह देखना होगा कि इसे संज्ञान में लेते हुए निष्पक्ष तौर पर सुयोग्य छात्रों को कैसे उनका हक़ मिलता है जबकि अधिकार छीनने वाले अधिकारी और संलिप्त लोगों पर कार्रवाई होती है।