ब्रेकिंग न्यूज़ : धनबाद का सबसे चर्चित नीरज सिंह हत्याकांड — आज कोर्ट सुना सकता है फैसला, संजीव सिंह सहित 10 आरोपी होंगे हाजिर

KK Sagar
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धनबाद। सात साल बाद आज वह घड़ी आ गई है, जिसका इंतजार पूरे कोयलांचल को था। पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड में बुधवार को एमपी-एमएलए विशेष न्यायाधीश दुर्गेशचंद्र अवस्थी की अदालत अपना फैसला सुना सकती है। फैसले को लेकर सिंह मेंशन और रघुकुल की धड़कनें तेज हैं, वहीं पूरे धनबाद की नजरें कोर्ट पर टिकी हुई हैं।

2017 का सबसे सनसनीखेज हत्याकांड

21 मार्च 2017 की शाम स्टीलगेट, सरायढेला में नीरज सिंह, उनके पीए अशोक यादव, बॉडीगार्ड मुन्ना तिवारी और ड्राइवर घल्टू महतो को गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी गई थी। इस वारदात ने न सिर्फ धनबाद बल्कि पूरे यूपी-बिहार तक हलचल मचा दी थी।

संजीव सिंह समेत 12 पर चार्जशीट

पुलिस ने इस मामले में नीरज के चचेरे भाई और झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह समेत 12 लोगों पर चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें यूपी और बिहार के कई कुख्यात शूटर भी शामिल थे। अमन सिंह की 2023 में जेल के अंदर हत्या हो गई, जबकि शार्प शूटर रिंकू सिंह का ट्रायल अलग से चल रहा है। इस वक्त 10 आरोपी फैसले का सामना कर रहे हैं।

408 तारीखों के बाद फैसले का वक्त

इस केस की अब तक 408 सुनवाई हो चुकी हैं। 74 गवाहों में से 37 गवाह अभियोजन पक्ष ने पेश किए। बचाव पक्ष ने भी 5 गवाहों की गवाही कराई। करीब सात साल लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आज फैसला सुनाया जाएगा।

दो साल बाद संजीव सिंह होंगे कोर्ट में पेश

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लंबे समय से धनबाद नहीं आ रहे संजीव सिंह भी आज कोर्ट में पेश होंगे। अदालत ने सभी आरोपियों को सशरीर हाजिर रहने का आदेश दिया है। पुलिस ने संजीव सिंह की सुरक्षा को लेकर विशेष इंतजाम किए हैं।

तीन आरोपी अभी भी जेल में

ट्रायल का सामना कर रहे 10 आरोपियों में से 7 को जमानत मिल चुकी है, जबकि शूटर चंदन सिंह, शिबू उर्फ सागर सिंह और रेकी करने वाला विनोद सिंह अब भी जेल में हैं। इनकी भी आज पेशी होगी।

निषेधाज्ञा लागू, बड़ी संख्या में पुलिस तैनात

फैसले को देखते हुए बुधवार सुबह 6 बजे से 10 बजे तक व्यवहार न्यायालय के मुख्य द्वार के बाहर और रणधीर वर्मा चौक से डीआरएम चौक तक निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। यह आदेश अनुमंडल दंडाधिकारी राजेश कुमार की ओर से मंगलवार को जारी किया गया था।

किन पर रहेगा प्रतिबंध

इस दौरान पाँच या उससे अधिक लोगों के जुटने, धरना-प्रदर्शन, रैली, सभा, जुलूस और ध्वनि विस्तारक यंत्र के इस्तेमाल पर रोक रहेगी। साथ ही हथियार और आग्नेयास्त्र लेकर चलना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।

किन पर लागू नहीं होगा आदेश

यह प्रतिबंध न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं, पुलिसकर्मियों, ड्यूटी पर तैनात पदाधिकारियों और न्यायालय से जुड़े वाहनों पर लागू नहीं होगा। विद्यार्थियों का स्कूल-कॉलेज आना-जाना, शवयात्रा, विवाह और धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होने वाले लोग भी इससे मुक्त रहेंगे। सिखों का कृपान धारण और नेपाली समाज का खुखरी धारण भी इस आदेश से बाहर है।

क्यों लगाया गया प्रतिबंध

प्रशासन को आशंका है कि जजमेंट के दौरान दोनों गुटों के समर्थक बड़ी संख्या में कोर्ट पहुँच सकते हैं, जिससे टकराव की स्थिति बन सकती है। इसी वजह से एहतियातन यह कदम उठाया गया है।

सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

फैसले को लेकर कोर्ट परिसर से लेकर सरायढेला और झरिया तक पुलिस तैनात है। मंगलवार को सिटी एसपी ऋत्विक श्रीवास्तव ने कोर्ट का दौरा कर सुरक्षा की समीक्षा की। एसएसपी प्रभात कुमार ने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस पूरी तरह अलर्ट है।

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