डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया:JMM से इस्तीफे के बाद सीता सोरेन पहुंची BJP कार्यालय, थामा भाजपा का दामन: लोकसभा चुनाव से पहले JMM को बड़ा झटका लगा है। बता दें कि जामा से झामुमो विधायक व पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने JMM के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। सीता सोरेन ने पार्टी के अध्यक्ष शिबू सोरेन को अपना इस्तीफा सौंपा है। उन्होंने अपने त्यागपत्र में उपेक्षा का आरोप लगाया है।
परिवार पर लगाए गंभीर आरोप
सीता सोरेन ने अपने इस्तीफा में जिक्र किया है कि झारखंड आंदोलन के अग्रणी योद्धा रह चुके पति दुर्गा सोरेन के निधन के बाद से ही उनके परिवार को उपेक्षा का शिकार होना पड़ा है। उन्होंने JMM पार्टी और परिवार के सदस्यों पर आरोप लगाते हुए लिखा है कि उन्हें सबने अलग-थलग कर दिया है।
पति के निधन के बाद से उपेक्षा की हुई शिकार:सीता
सीता सोरेन झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के बड़े पुत्र स्वर्गीय दुर्गा सोरेन की पत्नी हैं। उनका आरोप है कि पति के निधन के बाद से वे उपेक्षा की शिकार हैं। उन्हें पार्टी और परिवार से सदस्यों से अलग-थलग किया गया, जो उनके लिए अत्यंत पीड़ादायक है। उन्हें उम्मीद थी कि समय के अनुसार परिस्थितियों में सुधार होगा, लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हुआ। उन्हें पति दुर्गा सोरेन ने खून-पसीने से झामुमो को बड़ा दल बनाया था।
थामा भाजपा का दामन
वहीं अब सीता सोरेन के इस्तीफे के बाद वह भाजपा में शामिल गई है। उनका मोबाइल अभी बंद है। जानकारी यह भी सामने आ रही है कि दुमका से भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ सकती हैं। यदि दुमका से वह चुनाव लड़ती हैं तो भाजपा प्रत्याशी सुनील सोरेन का पत्ता साफ हो जाएगा।
मंत्रिमंडल में जगह ना मिलने पर लंबे समय से थी नाराज
सीता सोरेन को उम्मीद थी कि हेमंत सोरेन मंत्रिमंडल में उन्हें जगह मिलेगी। ऐसा नहीं होने पर उनकी नाराजगी सामने आई थी। बाद में वह मान गईं। उनकी बेटियों ने दुर्गा सोरेन सेना का भी गठन किया था। जब हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी की नौबत आई तो उनकी पत्नी कल्पना सोरेन का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए आगे आया। इसका सीता सोरेन ने कड़ा विरोध किया था। हालांकि, बाद में उनके तेवर नरम पड़ गए।
उन्होंने मीडिया पर बातों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया। सीता सोरेन को उम्मीद थी कि चंपई सोरेन मंत्रिमंडल में उन्हें पद मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। जबकि हेमंत सोरेन के छोटे भाई और दुमका के विधायक बसंत सोरेन को महत्वपूर्ण विभाग मिले। इधर कल्पना सोरेन की झामुमो में सक्रियता बढ़ी तो सीता सोरेन को यह नागवार लग रहा था।
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