लागू हुआ CAA, गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर दी जानकारी… विशेषज्ञों ने कहा- यह नागरिकता देने का कानून, छीनने का नहीं!

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#लागू हुआ CAA, गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर दी जानकारी

उदय कुमार पाण्डेय । धनबाद : लागू हुआ CAA, गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर दी जानकारी, नागरिकता संशोधन कानून (CAA Notification) की अधिसूचना जारी हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सोमवार को शाम छह बजे सीएए के नियमों को लेकर अधिसूचना जारी की गई। CAA को नागरिकता संशोधन कानून लागू होने से पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को अब नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर 2014 से पहले आने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता प्रदान करेगा। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि यह कानून किसी भी भारतीय की नागरिकता नहीं छीनेगा।

दिल्ली पुलिस ने कहा- सीएए का किसी भी भारतीय नागरिक से कोई लेना-देना नहीं:

सीएए की अधिसूचना जारी होने के बाद दिल्ली सेंट्रल के डीसीपी एम हर्ष वर्धन ने कहा कि सीएए का किसी भी भारतीय नागरिक से कोई लेना-देना नहीं है। अगर कोई अफवाह फैलाने या लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है, तो हम उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि एहतियातन दिल्ली सेंट्रल जिले के कई इलाकों में पुलिस की मौजूदगी बढ़ा दी गई है। त्योहारों का मौसम शुरू हो गया है। हमने अमन कमेटी के साथ बैठक भी की हैं। हमें उम्मीद है कि कानून व्यवस्था कायम रहेगी।

जानें क्या होगा इस कानून से फायदा:

यह कानून किसी भी भारतीय की नागरिकता नहीं छीनेगा, चाहे वह किसी धर्म का हो। यह कानून पुनर्वास के लिए कानूनी बाधाओं को दूर करेगा। कानून के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से दिसंबर 2014 के पहले आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के लोगों को नागरिकता मिल सकेगी। इससे उनका आर्थिक, वाणिज्यिक, मुक्त आवाजाही और संपत्ति खरीद का अधिकार भी सुनिश्चित होगा। यह कानून पुनर्वास के लिए कानूनी बाधाओं को दूर करेगा और दशकों से पीड़ित शरणार्थियों को एक सम्मानजनक जीवन देगा।

CAA
राजपत्र जारी :

इन बिंदुओं से समझें CAA को:

  1. केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा लोकसभा चुनाव से पहले 11 मार्च 2024 को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 की अधिसूचना जारी कर दी है। सीएए नियमों का उद्देश्य तीन पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत में आने वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों जिनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है।
  2. भारतीय नागरिकता केवल उन्हें मिलेगी, जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में शरण लिया है। इन तीन देशों के लोग ही नागरिकता के लिए आवेदन करने के योग्य होंगे।
CAA
#CAA Law: देश में लागू नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019।
  1. नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019, दिसंबर 2019 में संसद में पारित किया गया। इसके बाद राष्ट्रपति से सीएए कानून को मंजूरी मिल गई थी। हालांकि राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद देश के विभिन्न राज्यों में CAA को लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया गया।
  2. CAA के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन रखी गई है। आवेदन के लिए आवेदक को किसी अतिरिक्त दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी। आवेदकों को बताना होगा कि वे भारत कब आए।
  3. पिछले दो वर्षों के दौरान नौ राज्यों के 30 से अधिक जिला मजिस्ट्रेटों और गृह सचिवों को नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने की क्षमता प्रदान की गई।
  4. गृह मंत्रालय की 2021 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 1 अप्रैल 2021 से 31 दिसंबर 2021 के बीच पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों के 1414 व्यक्तियों को नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत पंजीकरण या प्राकृतिककरण के माध्यम से भारतीय नागरिकता प्रदान की गई।
  5. नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 से भारतीय नागरिकों का कोई सरोकार नहीं है। संविधान के तहत भारतीयों को नागरिकता का अधिकार है। सीएए कानून भारतीय नागरिकता को नहीं छीन सकता।
  6. गृह मंत्री अमित शाह ने 9 दिसंबर को इसे लोकसभा में पेश किया था। नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 (CAA) संसद में 11 दिसंबर 2019 को पारित किया गया था।
  7. CAA के पक्ष में 125 वोट पड़े थे और 105 वोट इसके खिलाफ गए थे। 12 दिसंबर 2019 को इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी।
  8. वर्ष 2016 में नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 (CAA) पेश किया गया था। इसमें 1955 के कानून में बदलाव किया जाना था। जिसमें भारत के तीन पड़ोसी देश बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देना था। अगस्त 2016 में इसे संयुक्त संसदीय कमेटी को भेजा गया और कमेटी ने 7 जनवरी 2019 को इसकी रिपोर्ट सौंपी थी।
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