डिजिटल डेस्क/कोलकाता : कलकत्ता हाई कोर्ट ने बीरभूम की नौ महीने की गर्भवती सोनाली बीबी, उनके पति दानिश शेख और आठ साल के बेटे को बांग्लादेश भेजने के केंद्र सरकार के फैसले को रद्द कर दिया। जस्टिस तापोव्रत चक्रवर्ती और जस्टिस ऋतब्रत कुमार मित्र की खंडपीठ ने केंद्र को चार हफ्तों में उन्हें भारत वापस लाने का निर्देश दिया और इस आदेश पर रोक की केंद्र की अपील खारिज कर दी।
सोनाली, जो दो दशक से दिल्ली के रोहिणी में घरेलू काम और कचरा बीनने का काम करती थीं, को दिल्ली पुलिस ने बांग्लादेशी होने के शक में जून 2025 में हिरासत में लेकर निर्वासित कर दिया था। परिवार का दावा है कि उनके पास भारतीय नागरिकता के सबूत, जैसे जमीन के कागजात और वोटर कार्ड, मौजूद हैं। सोनाली के पिता की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की जल्दबाजी और अतिउत्साह को संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन माना। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सांसद सामिरुल इस्लाम ने परिवार को कानूनी सहायता दी। अब केंद्र सरकार के अगले कदम पर नजरें टिकी हैं।