मिरर मीडिया :सिंफर में 1.40 अरब रूपये के मानदेय घोटाले में सीबीआई ने अपनी तकनीकी जांच शुरू कर दी है।
इसी क्रम में सोमवार को सीबीआई ने कोल सैपलिंग में किस –किस को कितना पैसा दिया गया है , इसकी जांच की है। इसके लिए सीबीआई ने घोटाले से सम्बंधित सभी कागज़ात को सिंफर से लिया हैं। अब इसी आधार पर अन्य 553 लोगों से भी सीबीआई पूछताछ करेगी।
वहीं इस मामले में प्राथमिकी दर्ज होने से पूर्व भी सिंफर के कुछ वैज्ञानिकों से सीबीआई सवाल पूछ चुकी है।
सीबीआई द्वारा सभी वैज्ञानिकों से पूछा गया था कि पैसा मिलने के बाद उसे किस काम के लिए खर्च किया गया। इस सवाल के जवाब में कुछ वैज्ञानिकों ने तो अपना आकड़ा सीबीआई को उपलब्ध करा दिया था, लेकिन अधिकतर वैज्ञानिक खर्च किए गए पैसों के हिसाब देने में नाकाम रहें।
बता दें कि सीबीआई ने रविवार को सिंफर मानदेय मामले के मुख्य आरोपी पूर्व निदेशक डॉ पीके सिंह की पत्नी उषा सिंह से पूछताछ की। उषा सिंह सिंफर क्लब की पूर्व अध्यक्ष भी रहीं हैं।
सीबीआई द्वारा पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि डॉ पीके सिंह अभी बेंगलुरु में अपने बेटे राहुल सिंह के घर पर हैं। सीबीआई जब भी उन्हें बुलाएगी वो आ जायेंगे। वहीं घोटाले के बारे में पूछें जाने पर उन्होंने कहा की सिंफर में क्या घोटाला हुआ है, सीबीआई क्या तलाश रही इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।
इसी बीच सीबीआई ने एक बार फिर सुंदर अपार्टमेंट में स्थित डॉ पीके सिंह के सील फ्लैट 602 की तलाशी ली । इस दौरान उषा सिंह भी वहां मौजूद रहीं।सूत्रों कि माने तो सीबीआई फ्लैट से कई दतावेज अपने साथ ले गई है।
ज्ञातव्य है कि 25 जून को सिंफर के पूर्व निदेशक तथा मुख्य वैज्ञानिक पर सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की थी। प्राथमिकी की प्रति को सीबीआई ने अपने साइट पर अपलोड किया है। दोनों के खिलाफ़ धारा 420, 13(2) सहित कई मामलों में प्राथमिकी दर्ज़ की गई है।
दरअसल पूर्व निदेशक पीके सिंह पर 15,36,72000 रूपये वहीं एके सिंह पर 9,04,31,337 रूपये मानदेय लेने का आरोप है।