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कोचिंग संस्थान में पढ़ रही नाबालिग छात्रा का शव NH 19 के निकट हुआ बरामद, संचालक समेत दो हिरासत में

मिरर मीडिया : धनबाद के गोविंदपुर से एक बड़ा मामला सामने आया है ,जहां एक 14 वर्षीय नाबालिग छात्रा का शव NH 19 के किनारे लहू लुहान अवस्था में पाया गया है।
वहीं घटना की सूचना मिलते ही थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार और डीएसपी अमर कुमार पांडे घटनास्थल पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर धनबाद के एनएमसीएच में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और पूरे मामले की पड़ताल में जुट गए ।
बता दें कि पुलिस ने उक्त कोचिंग संचालक अनिल रजक एवं एक अन्य व्यक्ति को हिरासत में लिया है और पूछताछ की है । जांच के दौरान पता चला है कि कोचिंग बगैर रजिस्ट्रेशन के चल रहा था और यहां सुरक्षा मानकों का भी पालन नही हो रहा था।
पुलिस ने शव को कब्जे में लेने के बाद घटनास्थल पर जाकर जांच पड़ताल की इस दौरान पुलिस को यह पता चला कि बच्ची आवासीय विद्यालयों के प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी। पुलिस रतनपुर स्थित हंड्रेड सुपर नामक कोचिंग संस्थान पहुंची जहां संचालक एवं वहां पढ़ने वाले अन्य बच्चों से पूछताछ की और बच्ची के मौत की गुत्थी को सुलझाने की कोशिश की।
वहीं कोचिंग संचालक के पिता ने बताया कि 65-70 बच्चे हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहे थें।ढाई साल से कोचिंग का संचालन हो रहा था।बच्ची की मौत के बारे में उन्होंने किसी तरह की जानकारी से इनकार कर दिया।
पूरे मामले की जानकारी देते हुए डीएसपी अमर पाण्डे ने बताया कि बच्ची रांची की रहने वाली थी और यहां एक कोचिंग संस्थान में रहकर प्रतिष्ठित विद्यालयों के प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रही थी। बच्ची के परिजनों को सूचना दे दी गई है। पोस्टमार्टम के बाद हत्या के कारणों का खुलासा हो पाएगा । फिलहाल पुलिस तमाम बिंदुओं पर जांच कर रही है संचालक एवं अन्य लोगों से भी पूछताछ की जा रही है।
बड़ा सवाल यह उठता है कि धनबाद कोयलांचल के शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर कोचिंग का संचालन हो रहा है लेकिन ना तो उसका रजिस्ट्रेशन कराया जाता है और ना ही बच्चों की सुरक्षा का ख्याल रखा जाता है जबकि एक कोचिंग संस्थान में फायर सेफ्टी, सीसीटीवी समेत कई अन्य तरह के सुरक्षात्मक उपकरणों का होना जरूरी है लेकिन कानून की आंख में धूल झुकते हुए उक्त कोचिंग संस्थान का संचालन किया जा रहा था।एक ही बिल्डिंग के अलग-अलग कमरों में छात्र एवं छात्राओं को रखा जाता था और बच्चे कॉमन टॉयलेट का इस्तेमाल करते थे। ऐसे में धनबाद जिला प्रशासन,CWC,शिक्षा विभाग एवं धनबाद पुलिस को मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि बच्ची की मौत की गुत्थी सुलझ सके |

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