राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत शिक्षा व्यवस्था को अधिक लचीला और विद्यार्थी-केंद्रित बनाने की दिशा में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। अब वर्ष 2026 से कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी।
बोर्ड की ओर से जारी अंतिम शेड्यूल के मुताबिक,
पहली परीक्षा (मुख्य परीक्षा) 17 फरवरी 2026 से 07 मार्च 2026 तक आयोजित होगी, जिसका परिणाम 20 अप्रैल 2026 से पहले घोषित किया जाएगा।
दूसरी परीक्षा (सुधार परीक्षा) 05 मई 2026 से 20 मई 2026 तक आयोजित होगी, जिसका परिणाम 30 जून 2026 तक आने की संभावना है।
पहली परीक्षा अनिवार्य, दूसरी वैकल्पिक
CBSE ने स्पष्ट किया है कि कक्षा 10 के छात्रों के लिए पहली परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य होगा, जबकि दूसरी परीक्षा वैकल्पिक रहेगी। छात्र अपनी आवश्यकता और संतुष्टि के अनुसार दोनों परीक्षाओं में भी भाग ले सकते हैं, लेकिन विषयों में कोई बदलाव की अनुमति नहीं होगी।
मेरिट सर्टिफिकेट और मूल्यांकन का नियम
मेरिट सर्टिफिकेट केवल दूसरी परीक्षा के बाद ही जारी किया जाएगा।
पुनर्मूल्यांकन और उत्तर पुस्तिका की फोटोकॉपी भी दूसरी परीक्षा के बाद ही उपलब्ध कराई जाएगी।
इंटरनल असेसमेंट (आंतरिक मूल्यांकन) सिर्फ एक बार किया जाएगा, भले ही छात्र एक या दोनों परीक्षाओं में भाग लें।
छात्रों के लिए होगा लाभकारी
CBSE के अनुसार, यह बदलाव छात्रों के ऊपर से परीक्षा का मानसिक दबाव कम करने और उनकी वास्तविक क्षमताओं का आकलन करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस नई प्रणाली से छात्रों को दो अवसर मिलेंगे—जिससे वे बेहतर तैयारी कर पाएंगे और यदि पहली बार में प्रदर्शन से संतुष्ट न हों तो सुधार का मौका भी मिलेगा।
यह नई व्यवस्था 2026 से लागू होगी और शुरू में इसे वैकल्पिक रूप में शुरू किया जाएगा।
📌 मुख्य बातें एक नजर में
10वीं बोर्ड परीक्षा अब साल में दो बार
पहली परीक्षा: 17 फरवरी से 07 मार्च 2026
दूसरी परीक्षा: 05 मई से 20 मई 2026
पहली परीक्षा अनिवार्य, दूसरी वैकल्पिक
मेरिट सर्टिफिकेट व कॉपी मूल्यांकन केवल दूसरी परीक्षा के बाद
विषय में बदलाव की अनुमति नहीं
इंटरनल असेसमेंट सिर्फ एक बार