नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती पर पूरे देश में पराक्रम दिवस का उत्सव

KK Sagar
3 Min Read

आज, 23 जनवरी 2025, को भारत नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती मना रहा है, जिसे पूरे देश में ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में सम्मानित किया जाता है। नेताजी का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक में हुआ था। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नायकों में से एक थे, जिन्होंने अपने प्रेरणादायक नारे ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ से युवाओं में जोश और ऊर्जा का संचार किया।

भव्य समारोह का आयोजन

इस वर्ष पराक्रम दिवस के अवसर पर नेताजी की जन्मस्थली ओडिशा के कटक स्थित बाराबती किले में 23 से 25 जनवरी तक तीन दिवसीय भव्य समारोह का आयोजन किया जा रहा है। ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण माझी ने आज इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो संदेश के माध्यम से नेताजी की विरासत को नमन किया और उनके अदम्य साहस और देशभक्ति की प्रशंसा की।

प्रदर्शनी और तकनीकी नवाचार

समारोह में नेताजी के जीवन पर आधारित एक विशेष प्रदर्शनी आयोजित की गई है, जिसमें उनकी दुर्लभ तस्वीरें, पत्र, और ऐतिहासिक दस्तावेजों को प्रदर्शित किया गया है। साथ ही, संवर्धित वास्तविकता (AR) और आभासी वास्तविकता (VR) तकनीक का उपयोग कर नेताजी की आजादी की लड़ाई को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया है। कार्यक्रम में ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से दर्शाया जा रहा है।

पराक्रम दिवस का महत्व

नेताजी के योगदान को सम्मान देने के लिए भारत सरकार ने 2021 में उनकी 125वीं जयंती के अवसर पर ‘पराक्रम दिवस’ मनाने की घोषणा की थी। तब से यह दिवस प्रतिवर्ष पूरे देश में विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों पर मनाया जाता है।

2022 में, इंडिया गेट, नई दिल्ली में नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया गया था।

2023 में, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 द्वीपों का नामकरण 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर किया गया था।

2024 में, दिल्ली के लाल किले में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया था।

नेताजी के विचार आज भी प्रेरणादायक

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के विचार आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उनके कुछ प्रसिद्ध उद्धरण हैं:

“तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।”

“यदि कभी झुकने की नौबत आ जाए तो वीरों की तरह झुकें।”

“सफलता हमेशा असफलता के स्तंभ पर खड़ी होती है।”

राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम

पराक्रम दिवस के अवसर पर पूरे देश में नेताजी की स्मृति में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। स्कूलों, कॉलेजों, और सरकारी संस्थानों में नेताजी के जीवन और योगदान पर सेमिनार, संगोष्ठी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, जिससे युवाओं में राष्ट्रभक्ति की भावना को बल मिल सके।

Share This Article
उत्कृष्ट, निष्पक्ष, पारदर्शिता और ईमानदारी - पत्रकारिता की पहचान है k k sagar....✍️....