मिरर मीडिया : आज पूरा देश नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मना रहा है। भविष्य में आज 23 जनवरी के दिन से ही गणतंत्र दिवस समारोह की भी शुरुआत होगी। आपको बता दें कि आज प्रधानमंत्री नेता जी के अवतरण दिवस पर इंडिया गेट में फिलहाल होलोग्राम की प्रतिमा का अनावरण करेंगे वहीं ग्रेनाइट की प्रतिमा पूर्ण होने पर पुनः उसी जगह उन्हें स्थापित किया जाएगा।
आपको बता दें कि इस बाबत प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर नेताजी के जन्मदिवस की बधाईयां दी है उन्होंने लिखा है
सभी देशवासियों को पराक्रम दिवस की ढेरों शुभकामनाएं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर उन्हें मेरी आदरपूर्ण श्रद्धांजलि
वहीं भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी ट्वीट किया
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर भारत कृतज्ञतापूर्वक श्रद्धांजलि देता है। स्वतंत्र भारत के विचार के प्रति अपनी उग्र प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए उन्होंने जो साहसी कदम उठाए – आजाद हिंद – उन्हें एक राष्ट्रीय प्रतीक बनाते हैं।
India gratefully pays homage to Netaji Subhas Chandra Bose on his 125th birth anniversary. The daring steps that he took to fulfil his fierce commitment to the idea of a free India — Azad Hind — make him a national icon. His ideals and sacrifice will forever inspire every Indian.
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 23, 2022
इधर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से अपील की कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाए ताकि पूरे देश को राष्ट्रीय नेता को श्रद्धांजलि अर्पित करने और देशनायक दिवस को सबसे उपयुक्त तरीके से मनाने की अनुमति मिल सके।
Homage to Deshnayak Netaji Subhas Chandra Bose on his 125th birth anniversary. A national and global icon, Netaji’s rise from Bengal is unmatched in the annals of Indian history. (1/7)
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) January 23, 2022
गौरतलब है कि सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को हुआ। भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी तथा सबसे बड़े नेता सुभाष चंद्र बोस थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ने के लिये, उन्होंने जापान के सहयोग से आज़ाद हिन्द फौज का गठन किया था। उनके द्वारा दिया गया जय हिंद का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया है। आज़ाद हिन्द फौज के गठन के बाद उन्होंने अंग्रेजों से लोहा लेकर उसे धूल चटाने के लिए “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूँगा” का भी नारा बुलंद किया था। भारतवासी उन्हें नेता जी के नाम से सम्बोधित करते हैं। उनकी मृत्यु 18 अगस्त 1945 को हुई जो अभी तक अनसुलझी रहस्य बनकर है।