जमशेदपुर : समाहरणालय सभागार जमशेदपुर में आहूत बैठक में उप विकास आयुक्त मनीष कुमार द्वारा जिले में 21 जुलाई से शुरू आयुष्मान पखवाड़ा, जन्म मृत्यु निबंधन कार्य तथा पंचायत स्तरीय औषधि केन्द्र व दवा दुकान खोले जाने में प्रगति की समीक्षा की गई। उप विकास आयुक्त ने कहा कि सभी अभियान के लिए उपयोग में आने वाले मानल बल एक ही हैं ऐसे में निर्धारित समयावधि में लक्ष्य को प्राप्त करना है। उन्होने सभी एमओईसी को निदेशित करते हुए कहा कि पिछले पांच वर्षो में हुए संस्थागत प्रसव का आंकड़ा निकालते हुए ये देखें कि किन-किनका जन्म प्रमाण पत्र नहीं बना है। वंचित लाभुकों से फोन के माध्यम से संपर्क करें या सहिया से डोर टू डोर विजिट कराकर उन्हें प्रमाण पत्र लेने के लिए प्रेरित करें। उप विकास आयुक्त ने बताया कि अभियान के तहत जिले में करीब 1 लाख 18 हजार लोगों को जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत करने का लक्ष्य रखा गया है, आंकड़ा बड़ा जरूर है लेकिन असंभव नहीं है। दैनिक कार्य का जिला स्तर से अनुश्रवण तथा साप्ताहिक रिव्यू किया जाएगा। निजी अस्पताल के प्रतिनिधियों को भी पिछले 5 वर्ष का जन्म-मृत्यु का आंकड़ा उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया।
उप विकास आयुक्त ने कहा कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने की दिशा में जिला प्रशासन काफी संवेदनशील है। सभी एमओआईसी सीएचसी व पीएचसी की जरूरतों, चिकित्सीय उपकरणों की कमियों की सूची दें। ताकि जिला स्तर से उपलब्ध कराया जा सके। उन्होने आयुष्मान योजना का लाभ सभी सुयोग्य मरीजों को देने का निर्देश देते हुए कहा कि प्रक्रिया जितना सरल रखेंगे उतने ज्यादा संख्या में लोग लाभ उठा पायेंगे। सीएचसी व पीएचसी में आयुष्मान हेल्प डेस्क बनाने, अस्पताल परिसर की साफ-सफाई, सैनिटाइजेशन पर विशेष ध्यान देने, बेड, बेडसीट साफ-स्वच्छ रखने की बात कही ताकि मरीजों को इलाज के साथ-साथ बेहतर वातावरण भी मिल सके। साथ ही आयुष्मान पखवाड़ा के बेहतर संचालन का निर्देश देते हुए कहा कि युद्धस्तर पर इन 15 दिनों में सभी सुयोग्य नागरिकों का आयुष्मान कार्ड बनवाना सुनिश्चित करें। साथ ही एमटीसी में भी शत प्रतिशत बेड ऑक्यूपेंसी रखने, जरूरत के मुताबिक अतिरिक्त बेड की व्यवस्था का निर्देश दिया गया।
पंचायत स्तरीय औषधि केन्द्र व दवा दुकान खोले जाने में अब तक प्राप्त आवेदनों को लेकर उप विकास आयुक्त ने अप्रसन्नता जाहिर की। उन्होने कहा कि जिले के 50 फीसदी गांवों से भी अबतक आवेदन नहीं आ पाये हैं, इसमें अपेक्षित प्रगति जल्द लायें। उप विकास आयुक्त ने कहा कि सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के सफल क्रियान्वयन से जहां ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी। वहीं छोटी-छोटी समस्याओं के लिए प्रखंड मुख्यालय या अन्य जगहों पर सिर्फ दवा लेने जाने के लिए ग्रामीणों की निर्भरता खत्म होगी।

