पटना। बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने संकेत दिया है कि वे आगामी 2025 बिहार विधानसभा चुनाव में खुद चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। अब तक केवल संसदीय राजनीति तक सीमित रहे चिराग पासवान ने पहली बार स्पष्ट रूप से विधानसभा चुनाव लड़ने की मंशा जताई है।
हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद चिराग के रुख में बड़ा बदलाव देखा गया। पहले जहां वे मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में चर्चा में रहते थे, वहीं अब उन्होंने कहा है कि “बिहार में मुख्यमंत्री का पद खाली नहीं है, नीतीश जी इस जिम्मेदारी को अच्छे से निभा रहे हैं।” इससे साफ है कि चिराग फिलहाल सहयोगी की भूमिका में रहकर चुनावी राजनीति को नई दिशा देना चाहते हैं।
सूत्रों के अनुसार, चिराग पासवान की पार्टी “ऑपरेशन सिंदूर” नाम की एक खास रणनीति पर काम कर रही है, जिसके तहत राज्य की 50 सीटों पर पार्टी को मजबूत करने की योजना है। इस रणनीति में युवाओं, महिलाओं और दलित मतदाताओं को विशेष रूप से टारगेट किया जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चिराग का विधानसभा चुनाव लड़ना न सिर्फ पार्टी को जमीनी मजबूती देगा, बल्कि उन्हें राज्य की राजनीति में एक निर्णायक नेता के रूप में स्थापित भी कर सकता है।
चिराग का यह कदम उनके दिवंगत पिता रामविलास पासवान के अधूरे सपनों को पूरा करने की दिशा में भी देखा जा रहा है। बिहार की जनता की नजर अब इस बात पर टिकी है कि चिराग किस सीट से चुनाव लड़ेंगे और उनके चुनावी एजेंडे में क्या खास होगा।
अब देखना दिलचस्प होगा कि 2025 के विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान बिहार की राजनीति को किस दिशा में मोड़ते हैं।