चिराग ने किया CAA का समर्थन कहा यह नागरिकता देने वाला कानून
देश में CAA लागू हो चूका है NDA की सभी पार्टियों ने इसका समर्थन किया है बिहार में लोजपा से जमुई सांसद चिराग पासवान ने भी CAA लागू होने का समर्थन किया है। उन्होंने CAA के फैसले का स्वागत करते हुए इसे ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा कि मैं और मेरी पार्टी देशहित में लिए गए इस ऐतिहासिक फैसले का स्वागत करता हूँ। इस बाबत चिराग ने एक्स पर लिखा कि पिछले कई दशकों से देश की राजनीतिक पार्टियों द्वारा CAA के नाम पर गुमराह किया गया। हम सभी जानते है की CAA नागरिकता देने वाला कानून है। इस कानून के माध्यम से दशकों से पीड़ित शरणार्थियों को सम्मानजनक जीवन मिलेगा और नागरिकता अधिकार से उनके सांस्कृतिक, भाषिक, सामाजिक पहचान की रक्षा होगी। मैं और मेरी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) केंद्र सरकार के द्वारा देशहित में लिए गए इस ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत एवं अभिनंदन।
चिराग ने CAA का किया समर्थन पर नीतीश से नाराज़
हालांकि चिराग ने CAA कानून पर अपना स्टैंड क्लियर तो कर दिया है और इशारों-इशारों में नीतीश कुमार से नाराजगी को लेकर बीजेपी को भी बड़ा संकेत दे दिया है। बता दें कि जब से नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी हुई है, तभी से चिराग नाराज बताए जा रहे हैं। पीएम मोदी के कार्यक्रम से दूरी बनाये रखना इस ओर इशारा भी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, नीतीश को एनडीए से बाहर कराने के लिए चिराग ने उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी को भी साधने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें बीजेपी ने मना लिया है। हालांकि चिराग अब भी नाराज बताए जा रहे हैं। चिराग की एनडीए से नाराजगी को देखते हुए तेजस्वी यादव ने उन्हें महागठबंधन में आने का न्यौता दिया है। जिसके बाद से चिराग काफी कन्फ्यूज हैं।
सीट शेयरिंग में नहीं बन रही बात
इधर बीजेपी ने भी नाराजगी दूर करने के लिए सीट शेयरिंग का ऐसा फॉर्मूला तैयार किया है, जिससे चिराग का सम्मान बरकरार रह सकता है। सूत्रों के मुताबिक, बिहार की 40 सीटों में बीजेपी अपनी सिटिंग सीटें यानी सभी 17 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। वहीं जेडीयू को इस बार 12 सीट देने का प्लान है। अगर नीतीश कुमार 16 सीटों पर अड़े रहे, तो उनको बिहार के बाहर सीटें दी जा सकती हैं। बाकी बची 11 सीटों में से मांझी और कुशवाहा को 2-2 सीटें मिल सकती हैं। बची हुई 7 सीटों को लोजपा के दोनों धड़ों के बीच बांटने का प्लान है। इसमें अगर पशुपति पारस हाजीपुर सीट छोड़ते हैं तो उनको 4 सीटें और चिराग को 3 सीटें मिल सकती हैं। वहीं अगर पशुपति हाजीपुर नहीं छोड़ेंगे तो चिराग को 4 सीटें मिल सकती हैं। अगर इस प्लान को किसी ने मानने से इनकार किया तो उसे एनडीए से बाहर करने का भी प्लान है।
CAA लागू कर के भाजपा ने खेला बड़ा दांव
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव सर पर है ऐसे में CAA लागू कर के भाजपा ने एक और बड़ा दांव खेला है। मोदी सरकार ने चुनाव से ठीक पहले CAA को लागू करने का नोटिफिकेशन जारी करके अपने घोषणा पत्र का एक और वादा धरातल पर उतार दिया है। इसी के साथ नागरिकता संशोधन कानून देशभर में लागू हो गया है। सरकार ने इस बिल को दिसंबर 2019 में ही दोनों सदनों से पास करा लिया था। लेकिन भारी विरोध के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका। वहीं अब चुकी ये लागू हो चूका है तो एक बार फिर से इस कानून पर राजनीति शुरू हो चुकी है। विपक्ष की ओर से इसका विरोध किया जा रहा है और सरकार के खिलाफ घेराबंदी की रणनीति तैयार की जा रही है।