देश: प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ मालदीव के सांसद द्वारा टिप्पणी करने के बाद सोमवार को मोदी सरकार ने मालदीव के राजदूत को तलब किया है। विदेश मंत्रालय ने मालदीव के राजदूत इब्राहिम शाहीब को तलब किया।
साथ ही मोदी के लक्षद्वीप दौरे पर की गई टिप्पणियों पर भारत सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। वहीं करीब चार हजार भारतीयों ने मालदीव में होटल बुकिंग रद करा दीं। तीन हजार हवाई टिकटें रद कराई गईं। भारतीय उच्चायुक्त ने भी मालदीव सरकार के समक्ष कड़ी आपत्ति दर्ज कराई।
वहीं,भारत के सख्त रुख के बाद मालदीव सरकार ने अपने उन तीनों उप मंत्रियों मरियम शिऊना, मालशा शरीफ और महजूम माजिद को निलंबित कर दिया। जानकारों का कहना है कि यह दुनिया में पहला मामला है जब किसी एक देश के मंत्रियों को दूसरे देश के नेता के खिलाफ टिप्पणी के कारण निलंबित किया गया है ।
मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा कि मालदीव की सरकार विदेशी नेताओं और कुछ शीर्षस्तरीय लोगों के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणों के बारे में जानती है। ये व्यक्तिगत स्तर पर की गई टिप्पणियां हैं और मालदीव की सरकार इसका समर्थन नहीं करती।
विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि हमारी सरकार मानती है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का लोकतांत्रिक व जिम्मेदारी से पालन होना चाहिए। यह नफरत, नकारात्मकता फैलाने वाला नहीं होना चाहिए और न ही इससे मालदीव के किसी दूसरे देश के साथ रिश्तों पर असर होना चाहिए। हालांकि सरकार के संबंधित विभाग इस तरह की टिप्पणी करने के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कदम उठाने से नहीं हिचकेंगे।
वहीं,मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने मंत्री मरियम शिऊना की टिप्पणी पर एतराज जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा कि मालदीव सरकार की एक प्रतिनिधि मरियम शिऊना कितनी खतरनाक भाषा बोल रही हैं। वो भी एक ऐसे प्रमुख सहयोगी देश (भारत) के नेता के लिए, जिससे संबंध मालदीव की सुरक्षा और समृद्धि के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
मोहम्मद नशीद ने आगे लिखा कि मुइज्जू सरकार को इन टिप्पणियों से खुद को दूर रखना चाहिए और भारत को स्पष्ट आश्वासन देना चाहिए कि वे इस तरह की नीति को कतई प्रतिबिंबित नहीं करते हैं। भारत हमारा अच्छा दोस्त है।