धनबाद: एक तरफ तो समाज के हर व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए राज्य सरकार कई योजनाओं चला रही है। यहां तक कि इस योजनाओं को आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार के तहत लोगों के घर तक पहुंचा रही है।सरकार की यह मुहिम जनता को खूब पसंद भी आ रही है। बावजूद इसके यह योजनाएं सही तरीके से धरातल पर दिखाई नही दे रही है और धनबादवासियों कि समस्या जस की तस बनी हुई। कितने आधिकारी आए और गए पर समस्याएं अपनी जगह पर बरकार है। बल्कि घटने के बजाय बढ़ती ही जा रही है।अफसरों का उदासीन रवैया से यहां की जनता मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित रह जाती है।
जाम की समस्या को नहीं हटा सका प्रशासन:
बैंक मोड़ से स्टील गेट तक मुख्य सड़क पर रोजाना लगने वाले सड़क जाम की समस्या का आज तक हल नही हो सका।जनता परेशान है। जब-जब नए डीसी आए, स्टील गेट को जाम से मुक्त कराने के लिए दुकानों को हटाने की घोषणा करते, पर कोई भी दुकानों को हटा नहीं सका। वहीं शहर के मुख्य सड़को पर सैकड़ो की संख्या में अवैध की कट बना हुआ है, रोजाना इन कटो के कारण हादसे होते है। बावजूद इसके कोई देखना वाला तक नही है। जब कोई बड़े नेता आते है तो इन कटो को बंद कर दिया जाता है ताकि नेताओं को कोई तकलीफ न हो जाए। बाकि जनता तो भगवान भरोसे ही शहर के सड़को पर चल रही है। यहां तक कि शहर में कहीं भी पार्किंग की सुविधा तक नहीं है। सड़क के किनारे बड़े-बड़े माल, अस्पताल खुले, मगर किसी ने पार्किंग की ओर ध्यान नहीं दिया।
भूमाफिया गटक गए शहर के तालाब, नहीं हटा अतिक्रमण:
धनबाद में तालाबों व जोरिया की जमीन पर भूमाफियों की नजर है। शहर के 35 तालाब एवं जोरिया की जमीन पर कब्जा हो रहा है। स्थानीय लोगों की शिकायत के बावजूद अंचल कार्यालय उदासीन बना हुआ है। शहर के बेकारबांध जोरिया और पालीटेक्निक जोरिया पर लगातार कब्जा हो रहा है। नगर निगम क्षेत्र में कुल 84 तालाब हैं। इसमें धनबाद शहर में ही 22 तालाब हैं। वहीं गांवों में 1198 तालाब हैं। इनमें से अधिकतर पर अतिक्रमण कर लिया गया है या फिर आसपास अवैध निर्माण हो चुके हैं।
पालीटेक्निक जौरिया के पास श्मशान की जमीन पर कब्जा कर लिया गया है। इसी तरीके से आरा मोड़ तालाब, खोखन तालाब, जेसी मल्लिक स्थित फटिक बाबू तलाब, पांडरपाला तालाब, भूली हाल्ट का तालाब, हीरक रोड जोरिया आदि का अस्तित्व खत्म हो गया है।
एसएनएमएमसीएच में नहीं चालू हो सका सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालः
एसएनएमएमसीएच परिसर में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनकर तैयार है, लेकिन इसे चालू नहीं किया जा सका। यहां के उपकरण रखे-रखे सड़ रहे हैं। जनवरी से ही यह अस्पताल उद्घाटन का इंतजार कर रहा है। 167 करोड़ की लागत से 200 बेड के इस अस्पताल को बनाया गया है। यहां के उपकरणों को दूसरे अस्पतालों में भेजने की तैयारी थी।