पटना। लालू प्रसाद यादव–राबड़ी देवी के परिवार में मचा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। किडनी दान कर अपने पिता का जीवन बचाने वाली रोहिणी आचार्य द्वारा घर छोड़ने और सोशल मीडिया पर लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद अब उनकी तीन बहनें—रागिनी, चंदा और राजलक्ष्मी—ने भी मायका छोड़ दिया है। इससे राजनीतिक गलियारों में हलचल और तेज हो गई है।
रोहिणी का बड़ा आरोप: चप्पल से मारने की कोशिश, गाली-गलौज, घर से निकाला गया
शनिवार शाम रोहिणी ने एक्स पर पोस्ट कर परिवार के भीतर चल रहे तनाव को सार्वजनिक कर दिया। उन्होंने दावा किया कि उनसे सवाल पूछने पर उन्हें चप्पल से मारने की कोशिश की गई, गालियां दी गईं और घर से निकाल दिया गया।
रविवार को भी रोहिणी ने कई पोस्ट किए और अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव, तथा उनके करीबी संजय यादव और रमीज खान पर गंभीर आरोप लगाए।
रोहिणी ने लिखा कि—
उन्होंने अपने पति और ससुराल की राय लिए बिना पिता को किडनी दी, लेकिन अब उन्हें अफसोस हो रहा है।
उन्हें “गंदी महिला” कहा गया और उनकी “गंदी किडनी” पिता को देने की बात कही गई।
इन सभी आरोपों का सीधा इशारा तेजस्वी यादव की तरफ था।
तेजप्रताप यादव भी उतरे मैदान में
इस विवाद में लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव भी कूद पड़े हैं। उन्होंने कहा कि वह अपनी बहन के अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
गौरतलब है कि तेजप्रताप पहले ही परिवार से अलग हो चुके हैं।
परिवार की कलह का कारण क्या?
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि परिवार में विवाद की जड़ आरजेडी की कमान को लेकर खींचतान है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में करारी हार के बाद तेजस्वी यादव पार्टी के भीतर तीखी आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं।
आरजेडी सिमटकर सिर्फ 25 सीटों पर आ गई, जबकि पूरा महागठबंधन मात्र 35 सीटों पर रह गया।
इसी हार के बाद पार्टी और परिवार दोनों में मनमुटाव चरम पर पहुंच चुका है।
अब आगे क्या?
लालू परिवार में उठे इस बड़े भूचाल ने बिहार की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है।
अब सबकी नजर इस पर टिकी है कि क्या लालू प्रसाद इस पारिवारिक और राजनीतिक संकट को शांत कर पाएंगे या विवाद और गहरा होगा।

